अमेरिका ने मध्यस्थता जारी रखने की पेशकश की।
अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार (10 मई) को घोषणा की कि अमेरिका के गहन राजनयिक प्रयासों के बाद, भारत और पाकिस्तान सीमा पार परस्पर मिलिट्री एक्शन को तत्काल रोकने और मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यापक बातचीत पर सहमति नहीं बनी है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गोलीबारी रोकने का फैसला इस्लामाबाद के साथ द्विपक्षीय समन्वय के अंतर्गत लिया गया है। डॉनल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया के जरिए भारत-पाक सीजफायर की घोषणा की। पहली सार्वजनिक घोषणा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की ओर से Truth Social पर एक पोस्ट के जरिए सामने आई। ट्रम्प ने लिखा, “अमेरिका की ओर से मध्यस्थता की गई लंबी वार्ता के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान एक FULL AND IMMEDIATE CEASEFIRE पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को कॉमन सेंस और महान इंटेलिजेंस का उपयोग करने पर बधाई।”
रुबियो ने सीजफायर की पुष्टि करते हुए दोनों सरकारों की प्रशंसा की। इसके तुरंत बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस घटनाक्रम एक औपचारिक बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि कि वे और उपराष्ट्रपति जेडी वैंस पिछले 48 घंटों में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) शामिल हैं, के साथ बातचीत कर रहे थे।
रुबियो ने X पोस्ट में कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल सीजफायर और न्यूट्रल जगह पर तमाम मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गई हैं।” उन्होंने दोनों नेताओं की “बुद्धिमत्ता, विवेक और राजनेता” के रूप में भी प्रशंसा की।
अमेरिकी हाउस पैनल ने ट्रम्प को ‘प्रेसिडेंट ऑफ पीस’ बताया। अमेरिकी हाउस कमेटी ऑन फॉरेन अफेयर्स ने समझौते का रास्ता बनाने में राष्ट्रपति ट्रम्प की भूमिका की सराहना की। साथ ही उन्हें दो परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच हस्तक्षेप के लिए उन्हें “प्रेसिडेंट ऑफ पीस” कहा।
ये भी पढ़ें… भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार’, ट्रंप का दावा- लंबी बातचीत के बाद लिया फैसला
भारत ने स्पष्ट किया कि सीजफायर का फैसला द्विपक्षीय था। वॉशिंगटन से आशावादी लहजे के बावजूद, भारत ने अधिक सतर्क रुख बनाए रखा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मिलिट्री गतिविधियों को रोकने का समझौता शनिवार दोपहर को पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) द्वारा शुरू किए गए एक सीधे फोन कॉल का नतीजा था।
बयान में स्पष्ट किया गया, “भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और मिलिट्री एक्शन रोकने पर सीधे दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी”, इसमें कहा गया कि “किसी भी अन्य मुद्दे पर किसी अन्य स्थान पर” कोई फैसला नहीं लिया गया है।
विदेश सचिव ने पुष्टि की कि DGMOs फिर से बात करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पुष्टि की कि डीजीएमओ सोमवार (12 मई) को फिर से बात करने वाले हैं, जिससे पता चलता है कि बातचीता का रास्ता खुला है लेकिन सीमित दायरे के साथ।
ये भी पढ़ें… India Pakistan Ceasefire: क्या होता है सीजफायर और कैसे करता है काम? विस्तार से समझिए
अमेरिका ने मध्यस्थता जारी रखने की पेशकश की, भारत ने अपना रुख दोहराया अमेरिकी विदेश विभाग के बयान में सचिव रुबियो द्वारा भविष्य में तनाव बढ़ने से रोकने के लिए मध्यस्थता जारी रखने की पेशकश का उल्लेख किया गया है। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों में तीसरे पक्ष की भागीदारी का विरोध दोहराया, और जोर देकर कहा कि सभी मामलों को द्विपक्षीय रूप से संबोधित किया जाना चाहिए।
हालांकि, कोई व्यापक समझौता नहीं हुआ है, लेकिन ताजा घटनाक्रम तनाव में कमी का संकेत दे सकता है, जो सीमा पार हमलों और जवाबी हमलों के बाद बढ़ गया था। साथ ही इससे फुल-स्केल संघर्ष की चिंताएं बढ़ गई थीं।