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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के साथ व्यापार, शुल्क, क्षेत्रीय सुरक्षा और समग्र द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों सहित कई प्रमुख मुद्दों पर सोमवार को बातचीत करेंगे और फिर शाम को उनके एवं भारतीय मूल की उनकी पत्नी उषा के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति, उनकी पत्नी उषा और उनके तीन बच्चे – इवान, विवेक और मीराबेल – चार दिवसीय भारत यात्रा के तहत सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे पालम एयरबेस पर उतरेंगे।
वेंस ऐसे समय में भारत की अपनी पहली यात्रा करेंगे जब कुछ सप्ताह पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित लगभग 60 देशों के खिलाफ व्यापक शुल्क व्यवस्था लागू करने के बाद उसे स्थगित कर दिया था। भारत और अमेरिका अब द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिसमें शुल्क और बाजार तक पहुंच सहित कई मुद्दों को शामिल किए जाने की संभावना है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों सहित कम से कम पांच वरिष्ठ अधिकारियों के वेंस के साथ भारत आने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को शाम साढ़े छह बजे अपने 7 लोक कल्याण मार्ग निवास पर वेंस और उनके परिवार का स्वागत करेंगे जिसके बाद आधिकारिक वार्ता होगी।
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार संधि साथ-साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके पर चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भारतीय दल का संभवत: हिस्सा होंगे। मोदी वार्ता के बाद वेंस और उनके साथ आए अमेरिकी अधिकारियों के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।
वेंस के यात्रा कार्यक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद वेंस और उनका परिवार स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर जाएगा तथा वे पारंपरिक भारतीय हस्तनिर्मित सामान बेचने वाले एक ‘शॉपिंग कॉम्प्लेक्स’ भी जा सकते हैं। वेंस के भारत आगमन पर केंद्र का कोई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री पालम एयरबेस पर उनका स्वागत करेगा। वेंस अपने परिवार के साथ दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा की भी यात्रा करेंगे।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार दिल्ली में आईटीसी मौर्य शेरेटन होटल में ठहरेगा। अधिकारियों ने बताया कि वेंस और उनका परिवार सोमवार रात जयपुर रवाना होगा। वेंस 22 अप्रैल को आमेर किले सहित कई ऐतिहासिक स्थलों पर जाएंगे। यह किला यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) विश्व धरोहर स्थल है। वेंस दोपहर में जयपुर स्थित राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र में एक सभा को संबोधित करेंगे। वेंस अपने भाषण में अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के शासनकाल में भारत-अमेरिका संबंधों के व्यापक पहलुओं पर बात कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में राजनयिकों, विदेश नीति विशेषज्ञों, भारत सरकार के अधिकारियों और शिक्षाविदों के भाग लेने की संभावना है।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार संभवत: 23 अप्रैल की सुबह आगरा जाएगा। वे वहां ताजमहल और शिल्पग्राम जाएंगे। शिल्पग्राम विभिन्न भारतीय कलाकृतियों को दर्शाने वाला एक खुला एम्पोरियम है। आगरा की यात्रा के बाद वेंस 23 अप्रैल को जयपुर लौटेंगे। अधिकारियो ने बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति और उनका परिवार 24 अप्रैल को जयपुर से अमेरिका रवाना होंगे। जयपुर में, वेंस भव्य रामबाग पैलेस में ठहरेंगे, जो एक आलीशान होटल है और कभी शाही लोगों का अतिथि गृह हुआ करता था। वेंस इटली की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद दिल्ली आएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के बीच वार्ता से पहले कांग्रेस ने रविवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री उन्हें भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने के तरीके और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में निहित बहुपक्षीय नियम-आधारित व्यापार प्रणाली के “पूरी तरह से खात्मे” को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराएंगे। विपक्षी दल ने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री पेरिस जलवायु समझौता और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका के हटने को लेकर भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराएंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस को भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने के तरीके और भारतीय छात्रों को अमेरिका में भय के माहौल में रहने के लिए मजबूर करने को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराएंगे। क्या प्रधानमंत्री डब्ल्यूटीओ के तहत स्थापित बहुपक्षीय नियम आधारित व्यापार प्रणाली के पूरी तरह से खात्मे पर भारत की चिंता प्रकट करेंगे, जिससे भारत को अब तक बहुत लाभ हुआ है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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