नेल्प-7 के तहत बोली अब मई में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:03 PM IST

तेल और गैस ब्लॉक्स के लिए नेल्प-7 के तहत बोली की तिथि पर संशय दूर करते हुए मंत्रालय ने कहा कि बोली के लिए आवेदन की अंतिम तिथि अब 16 मई कर दी गई है।


बोली की तारीख 25 अप्रैल से बढाकर 16 मई करने का फैसला इसलिए किया गया ताकि वित्त मंत्रालय से तेल उत्खनन एवं उत्पादन पर कर रियायतों के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सके।


इसके पहले नेल्प-7 के तहत 57 तेल और गैस ब्लॉक्स के लिए बोली की अंतिम तिथि 11 अप्रैल रखी गई थी। बाद में इसे बढाकर 25 अप्रैल कर दिया गया। तिथि को 25 अप्रैल किए जाने के पीछे यह तर्क दिया गया था कि इसके प्रचार-प्रसार के लिए सिंगापुर में रोड शो के बाद बोलीकर्ताओं कों को नीतियों पर विचार करने के लिए समय दिया जाना चाहिए।


मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार की सुबह यह फैसला किया गया कि बोली की तिथि बढ़ाकर 16 मई कर दिया जाए। तेल कंपनियों ने मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत किया है।


तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि घरेलू तेल कंपनियों को अब विदेशी कंपनियों से बातचीत करने के लिए और नेल्प-7 के तहत बोली लगाने के लिए अधिक समय मिलेगा। नेल्प-7 के तहत तेल ब्लाक्स के आवंटन में यह कहा गया है कि पानी के नीचे ज्यादा गहराई में तेल और गैस निकालने वाली दुनिया भर की अनुभवी कंपनियों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।


भारत की बड़ी तेल कंपनियों ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी डीपवाटर ब्लॉक्स से तेल और गैस की निकासी का अनुभव नहीं है। इस तरह इन सभी कंपनियों को नेल्प-7 के तहत तेल और गैस ब्लाक्स पाने के लिए विदेशी कंपनियों से समझौता करना पड़ेगा।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि नेल्प-7 के तहत बोली की तिथि बढ़ाई जा सकती है, अगर वित्त मंत्रालय तेल और गैस ब्लाक्स के लिए  7 साल के आयकर छूट को जारी रखने या खत्म किए जाने के बारे में फैसला नहीं कर लेता है।


‘अगर वित्त मंत्रालय 21 अप्रैल तक हमसे आधिकारिक रूप से कहता है कि तेल और गैस के उत्पादन पर 7 साल तक आयकर में दी गई छूट को जारी रखा जाएगा, तो ब्लॉक्स के लिए  नेल्प-7 के तहत बोली की तिथि पूर्ववत 25 अप्रैल रहेगी।’


वित्त वर्ष 2008-09 के बजट में वित्त मंत्रालय ने तेल और गैस ब्लॉक्स के लिए सेक्शन 80-आईबी(9) के तहत दिए जाने वाले कर छूट के लाभ को हटाए जाने का प्रस्ताव रखा था। बहरहाल पेट्रोलियम मंत्रालय की राय थी कि लाभ जारी रखा जाना चाहिए क्योंकि मंत्रालय जब पूरी दुनिया में नेल्प नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहा था तो उसने इस तरह के लाभ दिए जाने का वादा किया था।


तेल व गैस नीति की कठिन डगर


तीसरी बार बढ़ाई गई है बोली की तिथि
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बजट 2008-09 में वित्त मंत्रालय ने किया छूट देने से इनकार
भारतीय कंपनियों को करनी होगी वैश्विक पहल

First Published : April 18, 2008 | 11:06 PM IST