गांधी मैदान पर आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने प्रशांत किशोर के समर्थकों के हवाले से बताया कि पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स ले गई।
पटना जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि गांधी मैदान में आयोजित प्रशांत किशोर का धरना “अवैध” था क्योंकि यह प्रतिबंधित स्थल पर आयोजित किया जा रहा था। सिंह ने कहा, “गांधी मैदान में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।”
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पटना पुलिस ने महात्मा गांधी प्रतिमा के पास प्रतिबंधित स्थल गांधी मैदान में आमरण अनशन करने के लिए किशोर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।मीडिया में चल रही तस्वीरों में पुलिस की एक बड़ी टीम किशोर को हटाती हुई दिखाई दे रही है, जबकि अन्य प्रदर्शनकारी पुलिस को रोकने के प्रयास में प्रशात किशोर को चारो घेर लेते हैं।
बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने वाले और चुनाव रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अनियमितताओं के आरोपों के चलते राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि छात्रों ने आरोप लगाया कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था।
राज्य सरकार द्वारा दोबारा परीक्षा की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया, जिसके बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि यह पिछली परीक्षा में कई अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव जैसे अन्य विपक्षी नेताओं से भी सरकार पर परीक्षा रद्द करने के लिए दबाव बनाने के लिए समर्थन मांगा था।
कुछ दिन पहले प्रशांत किशोर ने पीटीआई से कहा था, “ये नेता हमसे बहुत बड़े हैं। वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं और यही सही समय है कि वह ऐसा करें। युवाओं का भविष्य दांव पर है। हम एक क्रूर शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने सिर्फ तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दिया है।”
इससे पहले, किशोर और उनके कुछ समर्थकों के खिलाफ गांधी मैदान थाने में एक FIR दर्ज की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनका धरना अवैध था।
इससे पहले, प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर जनवरी के अंत से पहले BPSC परीक्षा दोबारा कराने की घोषणा नहीं की जाती है तो प्रदर्शनकारी उन्हें गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित नहीं करने देंगे।
उन्होंने कहा था, “अगर सरकार 31 जनवरी से पहले बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा की पुनः परीक्षा का आदेश नहीं देती है, तो हम सरकार को 26 जनवरी का आधिकारिक समारोह इस मैदान पर आयोजित नहीं करने देंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बिहार के प्रत्येक ब्लॉक से कम से कम 500 छात्र मैदान में आएं।”