अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 में सत्ता में नहीं लौटती है तो अगले साल भारतीय शेयर बाजारों में 25 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है।
यह बात निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज (Jefferies) में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस वुड ने बिजनेस स्टैंडर्ड के बीएफएसआई शिखर सम्मेलन 2023 में कही है।
उन्होंने कहा, “अगर 2004 में आश्चर्यजनक चुनाव के साथ जो हुआ, वो फिर से होता है तो बाजार में कम से कम 25 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। लेकिन गति के कारण बाजार तेजी से वापस आ जायेगी।”
”मोदी सरकार ने कई बुनियादी सुधार किए हैं जिन्हें बदलना या वापस करना मुश्किल”
वुड ने कहा, मोदी सरकार ने कई बुनियादी सुधार किए हैं जिन्हें बदलना या वापस करना मुश्किल है। इसलिए, मैं आगामी आम चुनाव से पहले भारत पर कोई दबाव नहीं डालूंगा।
उन्होंने कहा, “अगर यह सरकार वापस नहीं आई तो बड़ी गिरावट होने का जोखिम है। हालांकि संभावना कम है, जोखिम अभी भी बना हुआ है।”
वुड ने बिजनेस स्टैण्डर्ड के सम्मेलन में कहा, भारत उभरते बाजारों (EMs) के बीच सबसे अच्छी घरेलू इक्विटी मार्केट है।
उभरते बाजारों में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश
उन्होंने कहा, “उभरते बाजारों और खास कर एशियाई बाजारों में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। चीन की समस्याओं के कारण इस विश्वास को बल मिला है। फिर भी, हालांकि यह दुनिया का सर्वसम्मति वाला दृष्टिकोण नहीं है क्योंकि वैश्विक निवेशकों ने भारत में मुश्किल से ही निवेश किया है।”
चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर भी रखी अपनी राय
वुड ने कहा कि चीन की स्थिति इस साल जापान की तरह लग रही है और आर्थिक ग्रोथ धीमी हो रही है। लेकिन मुख्य सवाल हालांकि, यह है कि क्या स्थिति में बदलाव आएगा या फिर चीन की इकॉनमी बाउंस बैक या वापसी करेगी।