बढ़ती कीमतों और आर्थिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सरकार सीमेंट के निर्यात को प्रतिबंधित कर सकती है।
इसके साथ ही सीमेंट के आयात की भी योजना बन रही है।पाकिस्तान, भारत को 110 लाख टन सीमेंट निर्यात करने को इच्छुक है। सरकार ने इस योजना को अमल में लाने पर विचार शुरू कर दिया है। सरकार धीरे-धीरे महंगाई पर हर तरह से नकेल कसने की कोशिश में लगी है। इस सिलसिले में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती सहित कई कदम उठाए गए हैं। इस बीच सीमेंट उत्पादकों ने दाम बढ़ाकर सरकार को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
अधिकारियों का मानना है कि सीमेंट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा देने से घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ेगी, साथ ही पाकिस्तान से सस्ते सीमेंट के आयात से सीमेंट के दाम घटेंगे।
सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘सरकार सीमेंट के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। यह कदम सीमेंट उत्पादकों के दाम बढ़ाने के बाद जरूरी माना जा रहा है।’ आल पाकिस्तान सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक, ‘पाकिस्तान ने भारत को कुल 457624 टन सीमेंट का निर्यात किया है। ऐसा केवल पिछले साल सितंबर माह में हुआ, जब शुल्क में कटौती की गई।’
पाकिस्तान से आयातित सीमेंट की पचास किलो की एक बोरी की कीमत 170-175 रुपये होती है। यह उत्तर भारत में वर्तमान दरों से बहुत कम है। वर्तमान में यहां सीमेंट की एक बोरी की कीमत 230-235 रुपये है।
पश्चिमी भारत के सीमेंट उत्पादकों ने 5 रुपये प्रति बोरी की दर से कीमतें बढ़ा दी है। आगामी दिनों में उत्तर भारत में भी सीमेंट की कीमत इतनी ही बढ़ने की उम्मीद है। अगर अप्रैल 2007 से कीमतों की बढ़ोतरी पर गौर करें तो प्रति बोरी 10 रुपये बढ़ चुकीं हैं। पिछले साल के अप्रैल से इस साल के फरवरी माह के बीच देश से 33.3 लाख टन सीमेंट का निर्यात हुआ है।
इसमें 2006-07 की तुलना में 38.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसा इसलिए हुआ कि घरेलू बाजार में मांग बढ़ने से कीमतों में बढ़ोतरी हो गई। भारत की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनियों में गुजरात अंबुजा और आदित्य बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक शामिल हैं।
भारत का वार्षिक सीमेंट उत्पादन 1650 लाख टन आंका गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 100-110 लाख टन सस्ते सीमेंट के आयात से घरेलू बाजार में सीमेंट की दरें गिरने की उम्मीद है। जनवरी 2007 में भारत ने सीमेंट आयात से शुल्क समाप्त कर दिया है। चार महीने बाद इस पर लगने वाला प्रतिकारी शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है।