Fiscal Deficit: पहली तिमाही के अंत तक राजकोषीय घाटा 1.36 लाख करोड़ रुपये, FY25 के लक्ष्य का 8.1 फीसदी

केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।

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भाषा   
Last Updated- July 31, 2024 | 5:57 PM IST

Fiscal Deficit: चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली अप्रैल-जून तिमाही के अंत तक केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 8.1 प्रतिशत रहा है। सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई।

महालेखा नियंत्रक (CGA) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के लिहाज से राजकोषीय घाटा (व्यय और राजस्व के बीच का अंतर) जून के अंत तक 1,35,712 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में घाटा बजट अनुमान (बीई) का 25.3 प्रतिशत रहा था।

केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह सकल घरेलू उत्पाद का 5.6 प्रतिशत था। कुल मिलाकर सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,85,494 करोड़ रुपये तक सीमित रखना है।

वित्त वर्ष 2024-25 के पहले तीन (अप्रैल-जून) महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़े साझा करते हुए सीजीए ने कहा कि शुद्ध कर राजस्व 5,49,633 करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 21.1 प्रतिशत था। पिछले वित्त वर्ष में जून, के अंत तक शुद्ध कर राजस्व संग्रह पूरे साल के लक्ष्य का 18.6 प्रतिशत था।

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केंद्र सरकार का कुल व्यय पहली तिमाही में 9,69,909 करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 20.4 प्रतिशत रहा। एक साल पहले इसी अवधि में व्यय बजट अनुमान का 23 प्रतिशत से अधिक था। कुल व्यय में से 7.88 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में तथा 1.81 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे। कुल राजस्व व्यय में से 2,64,052 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर खर्च किए गए। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय तथा राजस्व के बीच का अंतर है। यह बताता है कि सरकार को बाजार से कितनी उधारी लेने की जरूरत होगी।

First Published : July 31, 2024 | 5:53 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)