प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Freepik
रियल एस्टेट की दुनिया में बड़ा नाम रखने वाली कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश के बड़े शहरों में 14 प्लॉट खरीदकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इन जमीनों पर कंपनी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स बनाएगी, जिनसे करीब 26,500 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। कंपनी के चेयरपर्सन पिरोजशा गोदरेज ने बताया कि ये सभी जमीनें पूरी तरह से कंपनी ने अपने पैसे से खरीदी हैं और इनका इस्तेमाल मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), पुणे, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, कोलकाता, अहमदाबाद और इंदौर में प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए किया जाएगा।
पिरोजशा गोदरेज ने एक इंटरव्यू में कहा, “पिछले वित्त वर्ष में हमने 20,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट जोड़ने का टारगेट रखा था, लेकिन हमने 26,500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट जोड़े। इस साल भी हमारा लक्ष्य 20,000 करोड़ रुपये का है, और हमें लगता है कि हम इसे आसानी से पार कर लेंगे।” कंपनी ने गुरुग्राम में तीन, ग्रेटर नोएडा में दो, MMR में दो, बेंगलुरु में दो, इंदौर में दो, और पुणे, अहमदाबाद, कोलकाता में एक-एक जमीन खरीदी है। खास तौर पर दिल्ली-एनसीआर में कंपनी का फोकस ज्यादा है, जहां गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में खरीदी गई पांच जमीनों से 14,000 करोड़ रुपये की कमाई होने की संभावना है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज इस वित्त वर्ष 2025-26 में 40,000 करोड़ रुपये के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने की तैयारी में है। पिछले साल कंपनी ने 30,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट लॉन्च करने का टारगेट रखा था, लेकिन 36,600 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट शुरू किए। पिरोजशा ने बताया, “हमने इस साल 32,500 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले 20% ज्यादा और असल में हासिल किए गए आंकड़े से 10% ज्यादा है। अगर बाजार ने साथ दिया, तो हम इसे और बेहतर कर सकते हैं।”
कंपनी का परफॉर्मेंस भी शानदार रहा है। 2024-25 में गोदरेज प्रॉपर्टीज की बिक्री 31% बढ़कर 29,444 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 22,527 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, कंपनी का कुल मुनाफा 93% बढ़कर 1,399.89 करोड़ रुपये रहा, जो 2023-24 में 725.27 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय भी 4,334.22 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,967.05 करोड़ रुपये हो गई। गोदरेज प्रॉपर्टीज दिल्ली-एनसीआर, MMR, पुणे, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स बनाती है, और कुछ छोटे शहरों में प्लॉट डेवलपमेंट भी करती है।