सोयाबीन की पेराई (soybean) की अब सुधरने लगी है। जून महीने में सोयाबीन की पेराई में मासिक और सालाना आधार पर इजाफा हुआ , जबकि मई महीने में सोयाबीन की पेराई चालू तेल वर्ष के दौरान सबसे कम हुई थी। चालू तेल वर्ष में अब तक कुल पेराई पिछले तेल वर्ष की समान अवधि की तुलना में अधिक है। सोया खली के निर्यात में भारी इजाफा हुआ है।
जून महीने में पेराई करीब 11 फीसदी बढ़ी
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 अक्टूबर सितंबर के जून महीने में 7.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है, जबकि मई महीने में यह आंकडा 7 लाख टन था। मई की तुलना में जून में पेराई करीब 7 फीसदी ज्यादा हुई है। पिछले साल जून से इस जून पेराई में करीब 11 फीसदी इजाफा हुआ है।
पिछले साल जून में 6.75 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। इस साल मई महीने में सोयाबीन की पेराई 7 लाख टन के साथ चालू तेल वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। सोयाबीन की पेराई में सुधार की वजह सोया खली की निर्यात मांग मजबूत होना मानी जा रही है।
अब तक कुल पेराई 36 फीसदी अधिक
चालू तेल वर्ष के दौरान सोयाबीन की खूब पेराई हो रही है। जून तक 85 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में हुई 62.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई से करीब 36 फीसदी ज्यादा है।
इस तेल वर्ष में कैरीओवर स्टॉक, उत्पादन व आयात मिलाकर सोयाबीन की कुल उपलब्धता 154.26 लाख टन रहने का अनुमान है। इसमें 13 लाख टन बीज के लिए निकालने के बाद पेराई के लिए उपलब्धता 141.26 लाख टन बचेगी। पिछले तेल वर्ष में यह आंकड़ा 113.27 लाख टन था।
सोया खली निर्यात बढ़कर 15 लाख टन पार
चालू तेल वर्ष में सोया खली की निर्यात मांग काफी निकल रही है। इस तेल वर्ष की अक्टूबर—जून अवधि के दौरान 15.66 लाख टन सोया खली का निर्यात हो चुका है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.64 लाख टन था।
जाहिर है चालू तेल वर्ष में अब तक सोया खली के निर्यात में करीब 3 गुना बढोतरी देखी गई है। जून महीने में करीब 50 हजार टन सोया खली का निर्यात हुआ है, जो मई महीने के 38 हजार टन सोया खली निर्यात से करीब 30 फीसदी ज्यादा है।