दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष नौकरी से निकाले गए सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के पायलटों को बड़ी राहत देते हुए विमानन कंपनी के पिछले साल के निर्णय को खारिज करते हुए उन्हें बहाल किए जाने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने एयर इंडिया को यह निर्देश देते हुए कहा कि इन विमान चालकों को पुराने भत्तों का भुगतान किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि एयर इंडिया को भत्ते समेत पिछला वेतन सेवारत विमान चालकों के बराबर और सरकारी नियमों के अनुसार देना होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि अनुबंध पर काम करने वाले विमान चालकों के अनुबंध को भविष्य में बढ़ाने का निर्णय एयर इंडिया उनके कामकाज के आधार पर लेगी। अदालत ने कहा कि मामले में विस्तृत आदेश बुधवार को ही उपलब्ध हो सकेंगे। अदालत ने यह आदेश विमान चालकों की ओर से दाखिल 40 से अधिक याचिकाओं पर दिया है जिनकी नौकरी एयर इंडिया ने पिछले वर्ष 13 अगस्त को समाप्त कर दी थी।
नौकरी से निकाले गए अधिकतर विमान चालकों का प्रतिनिधित्व वकील रवि रघुनाथ और नीलांश गौड़ कर रहे हैं। इन विमान चालकों ने पहले इस्तीफे देने के बाद वापस ले लिए थे। विमान चालकों ने पहले पिछले साल जुलाई में अदालत में याचिका दायर कर एयर इंडिया को निर्देश देने का अनुरोध किया था। एयर इंडिया ने 13 अगस्त को इन विमान चालकों को सेवा समाप्ति के पत्र जारी किये थे।
विमानन कंपनी के इस कदम के खिलाफ विमान चालकों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। विमान चालकों ने दलील दी है कि उन्होंने शुरुआत में इस्तीफे एयर इंडिया द्वारा वेतन एवं भत्तों के भुगतान में देरी को लेकर दिये थे।