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रियल एस्टेट मामले में सरकार व जीएसटी परिषद को उच्च न्यायालय का नोटिस

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:21 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण और जीएसटी परिषद को एक नोटिस भेजा है। यह नोटिस एक मुनाफाखोरीरोधी शिकायत पर रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई को रद्द करने की याचिका के सिलसिले जारी किया गया है।
खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अभिषेक रस्तोगी ने कहा कि मुनाफाखोरीरोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) ने पहले एक घर खरीदार की शिकायत पर रियल एस्टेट कंपनी को नोटिस जारी किया था। शिकायत में कहा गया था कि बिल्डर ने घर खरीदार को एक आवासीय परिसर में एक फ्लैट खरीदने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं दिया था। नोटिस के माध्यम से डीजीएपी ने बिल्डर से संबंधित अवधि के लिए उसकी ओर से दाखिल कर रिटर्नों, कर भुगतानों, लिया गया इनपुट टैक्स क्रेडिट और फ्लैट खरीदार के साथ किए गए करार से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी थी।
याची ने डीजीएपी की जांच के खिलाफ अदालत का रुख किया था। उसने अपनी याचिका में कहा था कि शिकायतकर्ता ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद वित्त वर्ष 2018-19 में आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक कराया था और इसलिए इस दौरान जीएसटी दर या इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ में कोई बदलाव नहीं हुआ जिससे कि जांच करने की आवश्यकता पड़े।

First Published : January 22, 2021 | 11:31 PM IST