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मार्ग परिवर्तन जब्ती का आधार नहीं

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:11 PM IST

गुजरात उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि पारगमन में सामान का अवमूल्यन और ई-वे बिल में दिए गए मार्ग से अलग मार्ग से जाना अपने आप में जीएसटी अधिकारियों द्वारा माल को जब्त करने का आधार नहीं हो सकता है।
अदालत ने कहा कि केवल मार्ग में परिवर्तन के अलावा और कुछ नहीं मिलने पर इसका निश्चित तौर पर यह अभिप्राय नहीं निकाला जा सकता है कि इसका मकसद कर चोरी करना था। इसी तरह से सामानों का केवल अवमूल्यन करना ही अपने आप में सामान और वाहन को निरुद्घ करने के लिए पर्याप्त नहीं है, जब्त करना तो दूर की बात है।
अदालत का यह आदेश एक विक्रेता और एक ट्रक चालक की ओर से दाखिल की गई रिट याचिका पर आई है। उन्होंने जीएसटी अधिकारियों द्वारा पकड़े गए सामान और वाहन को छुड़वाने के लिए याचिका दायर की थी। जब्ती का नोटिस अहमदाबाद में कर आयुक्त की ओर से दिया गया था।
वाहन और सामान को इस आधार पर जब्त किया गया था कि ट्रक गंतव्य की दिशा की बजाय विभिन्न दिशाओं में जा रहा था।
इससे अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि लगता है कि सामान को कर चोरी के इरादे से भेजा जा रहा है।
दूसरा आधार यह था कि भेजे जा रहे सामान का मूल्य वास्तविक बाजार मूल्य से कम दिखाया गया है।
अदालत को याचियों का यह तर्क उचित लगा कि महज उक्त दो कारणों से पारगमन में खेप को भौतिक रूप से निरुद्घ नहीं किया जा सकता है।
 

First Published : January 12, 2022 | 11:27 PM IST