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निफ्टी के 40 फीसदी खड़े सौदे सिंगापुर में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 12:01 AM IST

नवंबर 2007 में बाजार नियामक सेबी के पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के एक माह बाद सिंगापुर निफ्टी (एसजीएक्स निफ्टी) की हिस्सेदारी कुल निफ्टी फ्यूचर्स के ओपन इंटरेस्ट का आठ फीसदी थी।


यह बात एडिलवायस सेक्योरिटीज के एक अध्ययन में कही गई है। इसके बाद एक साल से भी कम अवधि में अब एसजीएक्स निफ्टी की हिस्सेदारी निफ्टी वायदा के ओपन इंटरेस्ट में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है।

ओपन इंटरेस्ट का अर्थ उस डेरिवेटिव समझौते से है जोकि पूरा नहीं हुआ है जिसके बाद कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बयान जारी करना पडा कि बाजार में और अधिक पूंजी प्रवाह की जरूरत है और हमें अपने बाजार का निर्यात सिंगापुर को नहीं करना चाहिए।

वित्तमंत्री पी चिदंबरम का बयान बाजार नियामक सेबी के पी-नोट पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद आया था जोकि ऑफशोर डेरिवेटिव एलिमेंट है और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा विदेशी नागरिक को दिया जाता है जोकि भारतीय बाजार में कारोबार नहीं करना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने वर्ष 2007 में सिंगापुर के बाजार में निफ्टी फ्यूचर्स में कारोबार को उतारने के लिए सिंगापुर से समझौता किया था। क्या सेबी द्वारा प्रतिबंध समाप्त कर देने से स्थिति में कुछ सुधार आएगा? इस पर विश्लेषकों का मानना है कि अब इसमें बहुत देर हो चुकी है।

इस बाबत सिंगापुर में निफ्टी पर पोजीशन लेनेवाले एक कारोबारी ने कहा कि सिंगापुर में कारोबार करना बहुत आसान है क्योंकि वहां कारोबार से जुड़े खर्चे काफी कम हैं। कारोबारी ने कहा कि इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बात की क्या गारंटी है कि बाजार में सुधार हो जाने के बाद पी-नोट पर पाबंदी फिर से नहीं थोपी जाएगी।

इधर भारतीय बाजार में परिचालन में खर्च बढ़ता ही जा रहा है। सिंगापुर में सेक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स की अनुपस्थिति में परिचालन का खर्च मात्र 2 से 3 आधार अंक है। सिंगापुर बाजार खर्च में कटौती को लेकर आगे भी कदम उठा रही है।

इसके अलावा एसजीएक्स में कारोबार भारतीय समयानुसार सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक होता है जबकि घरेलू बाजार सुबह 9 बजकर 55मिनट से अपराहन के 3 बजकर 30 मिनट तक ही खुला रहता है।

कार्वे स्टॉक ब्रोकिंग के प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप के उपाध्यक्ष अम्बरीश बलिशा ने कहते हैं कि ऐसे लागों जिन्होंने कि पहले से ही एसजीएक्स में निफ्टी फ्युचर्स का कारोबार शुरू कर दिया है वो भारत में पी नोट्स के जरिये कारोबार करने की बजाय एसजीएक्स में ही खरीददारी जारी रखेंगे क्योंकि यहां पर पोजीशन लेना ज्यादा फायदेमंद है।

शेयर दलालों का कहना है कि हेज फंड हेज फंड घरेलू बाजार में पोजीशन नहीं लेना चाहते हैं क्योंकि वहां पर करेंसी रिस्का का खतरा पैदा हो जाएगा। एसजीएक्स निफ्टी फ्युचर्स डॉलर पर तय किया गया है क्योंकि यह निफ्टी की बजाय डेफ्टी आधारित है। अत: इस लिहाज से घरेलू निवेशकों को चाहिए कि वह अपने फंडों का विदेशों में निवेश करें और ऐसा करने में कई मार्केट ऑपरेटर सफल भी हो चुके हैं।

First Published : October 14, 2008 | 10:37 PM IST