हर मिनट में 50 करोड़ रुपये का नुकसान। सुनकर आपको हैरत जरूर हो रही होगी लेकिन शेयर बाजार के निवेशकों को नुकसान इसी रफ्तार से हुआ है।
31 दिसंबर 2007 को शेयर बाजार का मार्केट कैप 72,54,306 करोड़ रुपये का था, जो 29 दिसंबर तक आधे से भी कम होकर केवल 31,39,815 करोड़ रुपये रह गया है। यानी एक साल में निवेशकों के 41,144,91 करोड़ रुपये इस महामंदी में स्वाहा हो गए।
कुल 244 दिनों के कारोबार में हुए इस सफाए को छोटे आंकडो में समझें तो हर कारोबारी मिनट में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का मार्केट कैप साफ हुआ।
जबकि पिछले साल यानी 2007 के दौरान निवेशकों की संपत्ति दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ गई थी और हर मिनट उनकी संपत्ति में 40 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था।
हालांकि ऐसा नहीं कि इस साल सभी कंपनियों का मार्केट कैप साफ हुआ हो। इस दौरान अपनी संपत्ति बढ़ाने वालों में हिंदुस्तान यूनीलीवर सबसे ऊपर रही ।
जिसके निवेशकों की संपत्ति में 8385.44 करोड रुपये का इजाफा हुआ। दूसरे नंबर पर रही जयभारत टेक्सटाइल्स जिसके मार्केट कैप में 4184.83 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ।
इसके अलावा टॉप टेन कंपनियों में हीरो होंडा, स्टरलिंग,ग्लैक्सोस्मिथ, सेन्ट्रम कैपिटल, अलकेमिस्ट रियलिटी, ग्लोरी पॉलिफिल्म्स, इंट्रा इंफोटेक और पैनोरामिक शामिल रहीं।