इस साल के पहले तीन महीनों में आए 18 आईपीओ में निवेशकों ने अपनी चौथाई रकम गंवा दी है।
इस साल आईपीओ में से 13 आईपीओ ऐसे हैं जो अपने इश्यू कीमत से कम भाव पर कारोबार कर रहे हैं।वित्त सचिव डी सुब्बाराव के मुताबिक 2008 में आए 18 आईपीओ में से पिछले हफ्ते तक 13 डिस्काउंट पर थे जिसमें निवेशकों को करीब 25 फीसदी का नुकसान झेलना पड़ा।
उनके मुताबिक अगर बाजार की हालत ऐसी ही बनी रही तो कंपनियों के लिए बाजार से पैसा जुटाना और मुश्किल हो जाएगा। उनका कहना है कि निवेशक ऐसे बाजार में जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं और इसी वजह से बाजार में मंदी का आलम भी बरकरार है।
शेयर बाजार ने 2007 में निवेश के जरिए कंपनियों को 15 अरब डॉलर की मदद दी है लेकिन पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के निवेशक जब जोखिम उठाने को तैयार नहीं है तो ऐसे में इसका असर घरेलू बाजार पर भी दिख रहा है।इस साल जो आईपीओ शेयर बाजार में लिस्ट हुए हैं उनमें से 11 कंपनियों का इश्यू प्राइस 100 रुपए से ऊपर था। आईपीओ की प्राइसिंग भी काफी ज्यादा होने से कंपनियों को लंबे समय तक इन भावों पर टिके रहना मुश्किल हो गया था।
रिलायंस पावर का इश्यू काफी तामझाम के साथ बाजार में लाया गया था और यह स्टॉक पहले ही दिन अपने 450 रुपए के इश्यू प्राइस के मुकाबले 372.50 रुपए पर बंद हुआ। इश्यू की इस हालत को देखते हुए ही कंपनी ने नॉन प्रमोटर शेयरधारकों को हर पांच के बदले तीन और शेयर बोनस के रूप में जारी करने का फैसला किया।
हालांकि सरकार कंपनी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन अपने 105 रुपए के इश्यू प्राइस की तुलना में पिछले हफ्ते 109.05 रुपए पर कारोबार कर रहा था जबकि जीएसएस अमेरिका जिसका इश्यू प्राइस 400 रुपए था, 640.85 रुपए पर कारोबार कर रहा था।सेंसेक्स जो जनवरी में 20,300 अंकों के ऊपर था करीब साढ़े चार सौ अंक गिरकर 16 हजार से नीचे कारोबार कर रहा है।