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सत्यम व टीसीएस के नतीजों पर नजर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:42 PM IST

पिछले हफ्ते आईटी सेक्टर से आए अच्छे नतीजों की बदौलत बाजार तेजी लेकर बंद हुआ और अब आगे का रुख सोमवार को आने वाले नतीजों पर निर्भर करेगा।


पिछले हफ्ते इन्फोसिस और कुछ मिडकैप के आईटी शेयरों ने अपने नतीजों से बाजार की उम्मीद पूरी की थी। सोमवार को दो बड़ी कंपनियों के नतीजे आने हैं। सत्यम कंप्यूटर्स बाजार खुलने से पहले ही अपने नतीजों का ऐलान कर देगा जबकि टीसीएस शाम को बाजार बंद होने के बाद ऐलान करेगा।


पिछले हफ्ते सीएनएक्स आईटी इंडेक्स 12 फीसदी चढ़कर बंद हुआ है जबकि निफ्टी चार फीसदी मजबूत हुआ। इन्फोसिस के इस ऐलान के बाद कि 2008-09 में उसकी कमाई में 14-16 के बजाए 16-18 फीसदी बढ़ जाएगी, बाजार उछल गया। माइंडट्री के सीईओ रॉस्टो रावनन के मुताबिक बाजार आईटी सेक्टर के नतीजों को लेकर काफी आशंकित था। लेकिन हालात उतने बुरे नहीं हैं जितना कि बाजार सोच रहा है।


माइंडट्री के मुताबिक उसके आर ऐंड डी कारोबार में ज्यादा तेजी नहीं होने के बावजूद उसकी अर्निंग्स में 19-24 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है। माइंडट्री के अलावा रोल्टा से अच्छे नतीजों की उम्मीद से आईटी के मिडकैप शेयरों को अच्छा सहारा मिल सकता है। उम्मीद है  कि सत्यम 2008-09 के लिए अपने ईपीएस की ग्रोथ 20 फीसदी तक दे सकता है।


आखिरी तिमाही में इसका शुध्द लाभ 11 फीसदी बढ़कर करीब 4.8 अरब रुपए रहने की उम्मीद है। टीसीएस ने कोई अनुमान नहीं दिए हैं लेकिन एनालिस्ट कंपनी की हायरिंग योजनाएं, मार्जिन और नई डील्स पर नजर रखे हुए हैं। उनको उम्मीद है कि आईटी कंपनियां इस हफ्ते बाजार की उम्मीदों पर खरी उतरेंगीं।


दूसरी ओर बैंकिंग के स्टॉक्स गुरुवार को सीआरआर के इजाफे पर रीऐक्ट कर सकती हैं। डीलरों की मानें तो सीआरआर में इजाफे की वजह से बैंकिंग के स्टॉक्स इस हफ्ते गिरेंगे। हालांकि बाजार को इस इजाफे की संभावना थी लेकिन इसका समय सही नहीं रहा है। आनंद राठी के इंस्टिटयूशनल सेल्स के वीपी प्रियदर्शी श्रीवास्तव के मुताबिक रिजर्व बैंक  इसके ऐलान में इतनी जल्दी करेगा इसका अंदाजा नहीं था। 


रिजर्व बैंक ने 2008-09 की क्रेडिट पॉलिसी के ऐलान से 12 दिन पहले ही गुरुवार को सीआरआर में इजाफा किया है, बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ही यह कदम उठाया है। बैंक ने सीआरआर की  दर आधा फीसदी बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी है जो दो चरणों में लागू होगी। पहले 0.25 फीसदी 26 अप्रैल से लागू होगा जिसके बाद बाकी आधा 10 मई से लागू किया जाएगा। इससे वो सभी सेक्टर प्रभावित होंगे जिन पर ब्याज दरों का असर पड़ता है।

First Published : April 21, 2008 | 12:03 AM IST