सम्वर्धन मदरसेन इंटरनैशनल (SAMIL) का मार्च तिमाही (Q4) का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। कंपनी की आमदनी 8.3% बढ़कर ₹29320 करोड़ रही, जो बाजार के अनुमान से बेहतर थी। यह बढ़त खासकर ‘मॉड्यूल्स एंड पॉलिमर्स’ और ‘इमर्जिंग बिजनेस’ यूनिट्स की अच्छी ग्रोथ की वजह से हुई। लेकिन मुनाफे के मोर्चे पर कंपनी पिछड़ गई। EBITDA 10% घटकर ₹2640 करोड़ रहा और मार्जिन 9% पर आ गया, जो पिछली तिमाही से 0.7% कम है। शुद्ध लाभ (PAT) भी 23% घटकर ₹1050 करोड़ रहा।
कमाई पर असर का बड़ा कारण ज्यादा डिप्रिशिएशन और अन्य खर्च रहे। हालांकि अच्छी बात ये रही कि कंपनी का नेट डेट-टू-EBITDA अनुपात 0.9x ही रहा, जो सुरक्षित माना जा सकता है। कंपनी ने अपनी अगली पांच साल की योजना भी पेश की है, जिसके मुताबिक वह वित्त वर्ष 2030 तक USD 108 अरब (लगभग ₹9 लाख करोड़) रेवेन्यू का टारगेट रखती है। अभी कंपनी का सालाना रेवेन्यू USD 25.7 अरब (FY25) है। इस विजन का बड़ा हिस्सा कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस से आएगा, जिसमें कंपनी मोबाइल पार्ट्स, PCBA (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली), और सिलिकॉन वेफर कंपोनेंट्स जैसे प्रोडक्ट्स बनाएगी।
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कंपनी ने अपना पहला कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट Q3FY25 में शुरू कर दिया है, जो अब तेजी से उत्पादन बढ़ा रहा है। FY26 में यहां 15-17 मिलियन यूनिट्स बनने की उम्मीद है। दो और बड़े प्लांट Q2FY26 और Q3FY27 में शुरू होंगे। शुरुआत मोबाइल के ‘कवर ग्लास’ से होगी, लेकिन कंपनी इससे आगे बढ़कर पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में उतरने की तैयारी कर रही है।
इसके अलावा कंपनी एक नया PCBA प्लांट भी बना रही है, जो अपने साथ-साथ बाहरी ग्राहकों को भी सप्लाई करेगा। साथ ही एक और यूनिट सिलिकॉन वेफर मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े पार्ट्स बनाएगी, जिससे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को सपोर्ट मिलेगा। कमर्शियल व्हीकल्स (CV) के लिए कंपनी ने कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम भी विकसित किया है, जो एक अहम तकनीकी उपलब्धि मानी जा रही है। कंपनी ने FY26 में ₹6000 करोड़ का पूंजी खर्च (Capex) तय किया है, जिसमें से आधा पैसा नॉन-ऑटो यानी इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नए बिजनेस में लगाया जाएगा।
एमके ग्लोबल ने कंपनी के स्टॉक पर ‘BUY’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस ₹150 से बढ़ाकर ₹180 किया है। आज कंपनी का शेयर 151.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इस लिहाज से करीब 19% की अपसाइड की संभावना है। ब्रोकरेज का मानना है कि ऑटो बिजनेस का बुरा दौर अब पीछे छूट गया है और अब कंपनी की ग्रोथ कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नए क्षेत्रों से मिलेगी।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।