बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) की तरफ से किए गए फंड मैनेजर सर्वेक्षण (FMS) से पता चलता है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र (Asia Pacific region) में जापान और भारत सबसे पसंदीदा बाजार हैं।
बोफा के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रितेश समाधिया ने एक नोट में कहा कि जापान 45 फीसदी से ज्यादा नेट ओवरवेट के साथ वरीयता सूची में टॉप पर है, इसके बाद भारत 25 फीसदी के साथ रैंकिंग में दूसरे नंबर पर है। जबकि 13 फीसदी नेट ओवरवेट के साथ थाईलैंड, 9 फीसदी के ओवरवेट के साथ चीन और ऑस्ट्रेलिया रैंकिंग में काफी पीछे हैं।’
ग्लोबल FMS ने भी बताया कि निवेशक मैक्रो पर सतर्क रहे लेकिन ब्याज दरों पर तेजी का रुख कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि 2024 के लिए निवेशकों की रणनीति सॉफ्ट लैंडिंग, कम दरों, कमजोर अमेरिकी डॉलर और लार्ज कैप टेक्नोलॉजी शेयरों के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। कई लोगों ने कहा कि वे चीन को एवरेज करेंगे और फायदा उठाएंगे।
FMS ने बताया कि निवेशकों ने नकदी में 5.3 प्रतिशत से 4.7 प्रतिशत की कटौती की है, जो दो वर्षों में सबसे कम है। साथ ही, सर्वे से यह भी पता चला कि फंड मैनेजर मार्च 2009 के बाद से सबसे बड़े ओवरवेट बॉन्ड की ओर बढ़ गए हैं।
लेटेस्ट सर्वे से पता चला है कि ग्लोबल सेंट्रल बैंक भले ही अपने पीक लेवल को पार कर चुके हों, लेकिन समकालिक मौद्रिक सख्ती का प्रभाव अभी भी एक्टिव है।
BofA नोट में कहा गया है, ‘ग्लोबल FMS दुनिया के लिए एक निराशाजनक दृष्टिकोण को दोहराता है क्योंकि नेट 57 प्रतिशत पार्टिसिपैंट्स अगले 12 महीनों में कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए तैयार हैं। एशिया FMS ज्यादा आशावादी है क्योंकि जापान को छोड़कर नेट 24 प्रतिशत पार्टिसिपैंट्स अगले 12 महीनों में एशिया प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की उम्मीद करते हैं। इसके साथ ही रिटर्न की उम्मीदें लंबी अवधि के एवरेज से ऊपर पहुंच रही हैं क्योंकि कमजोर डेटा संभावित रूप से ईजिंग साइकल (easing cycle) को आगे बढ़ाता है।’
सर्वे से पता चला है कि निवेशक एक बार फिर दोहरे अंक वाले रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं।