क्या निवेशकों के लिए निवेश गुरु वारेन बफेट के प्रसिध्द सिध्दांत पर अमल करने का यही मौका है।
न्यूयार्क टाइम्स में उन्होने लिखा था कि वह इस सिध्दांत का पालन करते हैं- जब दूसरे ललचा (बाजार पर)रहे हों तो थोड़ा डरें और जब दूसरे डरे हुए हों तो ललचाएं। शुक्रवार को दोनों ही सूचकांक नए निचले स्तरों पर पहुंच गए। बीएसई 9975 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 3074 अंकों पर बंद हुआ।
डेरिवेटिव आंकडों के मुताबिक सेंसेक्स और निफ्टी को क्रमश: 10,018 और 3100 पर सपोर्ट था लेकिन दोनों ही सूचकांक अपने 10750 और 3350 के रेसिस्टेंस स्तर से काफी नीचे उतर आए। टेक्निकली 2000-2001 के मंदी वाला बाजार बॉटम आउट हो गया था जब सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से 56 फीसदी रीट्रेस किया था।
मौजूदा मंदी के दौर में यह बॉटम 9328 पर है जो 8 जनवरी के 21200 के स्तर से 56 फीसदी है। वीएफएम डायरेक्ट डॉट कॉम के टेक्निकल एनालिस्ट कमलेश लांगोटे को उम्मीद है कि निफ्टी 2900 के स्तर के करीब बॉटम आउट करेगा। अगले हफ्ते बाजार वोलाटाइल रहेगा और निफ्टी 2900-3300 के बीच कारोबार कर सकता है।
एंजिल ब्रोकिंग डेरिवेटिव और इक्विटी एनालिस्ट सिध्दार्थ भामरे को उम्मीद है कि निफ्टी को 3300 से ऊपर तगडा रेसिस्टेंस मिलेगा। उनके मुताबिक 3300 से ऊपर मुनाफावसूली आएगी। निफ्टी में 3100 का सपोर्ट आज टूटा है लिहाजा बॉटम का सही आकलन मुश्किल है।
3100 के पुट के ओपन इंटरेस्ट में 2550 करोड़ के वॉल्यूम के बावजूद मामूली बढ़त रही है जिसका मतलब है कि बिकवालों ने अपनी शार्ट पोजीशन 3100 के भाव पर कवर कर ली है, यह मानते हुए कि अगले हफ्ते और गिरावट आएगी।
निफ्टी अक्टूबर वायदा सौदे स्पॉट की तुलना में डिस्काउंट पर बंद हुए हैं जबकि ओपन इंटरेस्ट केवल दो लाख बढ़ा है। हालांकि शाम को ऑर्डर बुक के मुताबिक कुल ओपन इंटरेस्ट 31.3 लाख शेयरों का रहा है। इससे साफ है कि कारोबारियों ने अपनी इंट्राडे पोजीशन कारोबारी समय के बाद सेटल की हैं।