वर्ष 2008 की शुरुआत से लेकर अब तक शेयर बाजार 25 प्रतिशत नीचे गिरा है। शेयर का करोबार पिछले साल बाजार की अच्छी सेहत के कारण फल-फूल रहा था।
हालांकि मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि वह इन सारी उठा-पटक से अप्रभावित हैं। प्रस्तुत है पलक शाह से उनकी बातचीत के कुछ अंश:
आप बाजार की मौजूदा मंदी का कैसा सामना कर रहे हैं? यह भी सुनने में आया है कि आपने अपनी कुछ शाखाओं को बंद भी कर दिया है?
अगर तिमाही आधार पर देखें तो राजस्व प्रभावित जरूर हुआ है। वर्ष 2007 की अंतिम दो तिमाही में जबरदस्त आमदनी हुई थी जिसका कारण बेंचमार्क का उस अवधि में 30 प्रतिशत से उपर जाना था। शेयरों की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी के कारण मंदी की आशंका पहले से थी लेकिन मेरा मानना है कि इन सारी चीजों के बावजूद भी अगर पिछले तीन सालों के मुनाफे से तुलना की जाए तो अभी भी हम अच्छी स्थिति में हैं।
हमारी कुछ शाखाओं के बंद होने की बात बिल्कुल गलत है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल की लगभग 800 फे्रंचाइजी और और लगभग 70 से ज्यादा शाखाएं है और हम समय-समय पर बेहतर कारोबार के उद्देश्य से इनका एक दूसरे में विलय करते रहते हैं। यह तो सामान्य प्रक्रिया है।
बाजार में फिलहाल छाई मंदी का आपके विस्तार योजनाओं पर कोई असर पडा है? पिछले साल आपने आईपीओ के जरिए 267 करोड रुपये जुटाए थे, उसका कितना उपयोग आप अभी तक कर पाएं हैं?
पिछले छ: महीनों में हमने अपने कारोबार का विस्तार किया है और आईपीओ से जुटाए गए रूपये में से लगभग 200 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस ने इस साल अप्रैल में मुंबई के मलाड इलाके में देश का सबसे बडा डीलिंग रूम खोला है और 26,000 वर्गफुट क्षेत्र में फैले डीलिंग रूम में 400 से अधिक डीलर अपना काम कर सकते हैं।
एमओएफएसएल ने एसेट मैंनेजमेंट बिजनेस के लाइसेंस के लिए भी आवेदन किया है। इसके अलावा 150 करोड रुपये का ऑफशोर और साथ ही 150 करोड रुपये कीमत का रियल स्टेट प्राइवेट इक्विटी फं ड भी होगा। ज्यादातर कारोबार उसी समय होता है जब बाजार अपेक्षाकृत कमजोर होता है क्योंकि इस समय संपत्ति की कीमतें कम होती है और साथ ही मानव संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो जातें हैं।
अभी तक इस तिमाही में अपने नॉन-बैंकिंग बिजनेस में आपने कोई लॉस प्रोवीजन किया है? क्या मार्जिन फंडिंग बिजनेस में ठहराव आ गया है?
हालांकि पिछली तिमाही के लिए हमने 4.5 करोड़ रुपये का प्रोवीजन किया था लेकिन इस तिमाही के लिए हमने कोई प्रावधान नहीं किया है। मार्जिन फंडिंग बिजनेस में तेजी से गिरावट आई है लेकिन गिरावट वाली बात बिल्कुल नहीं है।