सरकार बाजार को मंदी से उबारने के हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन बाजार की रौनक लौटने का नाम नहीं ले रही है।
पिछले दो दिनों में बाजार कुछ संभला-संभला प्रतीत हो रहा था, लेकिन बुधवार को मुनाफावसूली का जोरदार दौर चला और सेंसेक्स फिर हांफता नजर आया। वित्त मंत्री ने बाजार को संभालने के लिए और तरलता बढ़ाने की बात की, लेकिन बाजार पर इस दवा का असर भी नहीं हुआ।
विदेशी बाजारों में भी बुधवार को बिकवाली का दौर रहा और लगभग सभी एशियाई और यूरोपीय बाजार गिरावट पर रहे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी गिरावट पर बंद हुए थे। कारोबार समाप्ति पर बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 674.28 अंक लुढ़क कर एक बार फिर 11 हजार के नीचे 10,809.12 के स्तर पर पहुंच गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 180.25 अंक नीचे 3,338.40 के स्तर पर बंद हुआ। बीएसई के छोटे और मझोले शेयरों में भी तकरीबन 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।बीएसई के लगभग सभी सूचकांक गिरावट पर रहे।
पूंजीगत उपभोक्ता वस्तु और उपभोक्ता टिकाऊ क्षेत्र के सूचकांक करीब 8 फीसदी नीचे बंद हुए। धातु सूचकांक में करीब 7.5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, आईटी, तेल और गैस, अचल संपत्ति, तकनीकी, सार्वजनिक क्षेत्र, वाहन, बैंकिंग सूचकांकों में भी गिरावट का रुख रहा।
सेंसेक्स में जेपी एसोसिएट्स के शेयर 14.5 फीसदी लुढ़के, तो रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर करीब 12 फीसदी नुकसान पर बंद हुए। एलएंडटी के शेयर 11 फीसदी, टाटा स्टील 10 फीसदी, टीसीएस 8.5 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, विप्रो, सत्यम, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल और टाटा मोटर्स के शेयर भी नुकसान पर बंद हुए।