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गिरावट आने पर खरीदें सीमेंट शेयर

भारतीय सीमेंट उद्योग में सुधार के आसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में प्रदर्शन बेहतर होने की उम्मीद

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- August 23, 2024 | 10:44 PM IST

कीमतों के दबाव और अन्य कारणों से लंबे समय तक दबाव में रहने के बाद भारतीय सीमेंट उद्योग का प्रदर्शन अब बेहतर रहने की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि कीमत वृद्धि, लागत नियंत्रण लाभ और ऊंची बिक्री की वजह से वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में सीमेंट उद्योग को राहत मिल सकती है।

उनके अनुसार अनुकूल परिवेश ने सीमेंट शेयरों को भी आकर्षक बना दिया है और इन शेयरों में मंदी की धारणा के बाद गिरावट पर खरीदारी करने की सलाह दी जा रही है। ऐक्सिस सिक्योरिटीज में सीमेंट और इन्फ्रा मामलों के वरिष्ठ शोध विश्लेषक उत्तम कुमार श्रीमाल ने कहा, ‘सीमेंट एक चक्रीय उद्योग है और शेयर की कीमतें उद्योग का प्रदर्शन दिखाती हैं। चालू वर्ष में कुछ को छोड़कर ज्यादातर कंपनियों के खराब प्रदर्शन को देखते हुए मेरा मानना है कि चुनिंदा तरीके से इस क्षेत्र में प्रवेश करने का यह सही समय है।’

सीमेंट कंपनियों के शेयर एनएसई पर पिछले एक महीने में 23 प्रतिशत तक गिरे हैं जबकि निफ्टी-50 सूचकांक में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई। पिछले चार सप्ताहों में बर्नपुर सीमेंट 23.3 प्रतिशत, एसीसी 10.8 प्रतिशत तक गिरे जबकि श्री सीमेंट और उदयपुर सीमेंट वर्क्स में 10.5 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत की गिरावट आई। श्री दिग्विजय सीमेंट, अंबुजा सीमेंट्स, जेके लक्ष्मी सीमेंट, बराक वैली सीमेंट्स और सांघी इंडस्ट्रीज में इस दौरान 5 से 8 प्रतिशत के बीच गिरावट आई। ब्रोकरों का कहना है कि चुनाव, भयंकर गर्मी, श्रम किल्लत और कुछ क्षेत्रों में जल्द मॉनसून से हाल की तिमाहियों में सीमेंट मांग पर असर पड़ा है।

पहली तिमाही में आय पर दबाव

ब्रोकरेज फर्म शेयरखान ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा कि मिली-जुली प्राप्तियों में 6.3 प्रतिशत कमजोरी की वजह से वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में सीमेंट क्षेत्र ने राजस्व में एक साल पहले के मुकाबले 2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीमेंट कंपनियों का परिचालन लाभ और शुद्ध लाभ क्रमशः सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत तथा 12.7 प्रतिशत तक घट गया।

एबिटा पर भी दबाव पड़ा। 2023 की दिसंबर तिमाही में प्रति टन एबिटा 1,000 रुपये पर रहा। मार्च तिमाही में यह 822 रुपये था। आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में विश्लेषक (सीमेंट एवं निर्माण) मनीष वालेचा ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में यह 701 रुपये था।

सुधार के आसार

चूंकि सीमेंट कंपनियां मजबूत मांग परिदृश्य के कारण अपनी विस्तार योजनाओं को जारी रख रही हैं इसलिए विश्लेषकों को आने वाले महीनों में उद्योग के लिए सकारात्मक बदलाव की उम्मीद दिख रही है। वालेचा ने कहा, ‘हालिया जांच में दो सकारात्मक बातें सामने आई हैं: बढ़ती मांग और 15 से 20 रुपये की संभावित मूल्य वृद्धि।

इसके अलावा, पेटकोक कीमतें भी 130 डॉलर से घटकर 105-106 डॉलर प्रति टन रह गई हैं जिसका फायदा दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों में दिखने की संभावना है। इन रुझानों से क्षेत्र में सुधार का संकेत मिलता है, खासकर अक्टूबर से मई तक निर्माण गतिविधियों से मांग बढ़ने की वजह से।’

हालांकि कई विश्लेषक वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही से आय वृद्धि की रफ्तार तेज होने की उम्मीद कर रहे हैं। इसे बजट लक्ष्य पूरे करने के लिए सरकारी खर्च बढ़ने से मदद मिलने की संभावना है। श्रीमाल अल्ट्राटेक और अंबुजा सीमेंट्स जैसी बड़ी कंपनियों पर दांव की सलाह देते हैं।

First Published : August 23, 2024 | 10:44 PM IST