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चित्रा रामकृष्ण ने टीएपी निपटान में गोपनीयता पर सवाल उठाए, सेबी के फैसले को दी चुनौती

अक्टूबर में एनएसई, उसके पूर्व एमडी और सीईओ विक्रम लिमये और आठ अन्य ने सेबी को 643 करोड़ रुपये की निपटान रा​शि चुकाकर टीएपी के दुरुपयोग से जुड़ा मामला सुलझा लिया था।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- January 24, 2025 | 10:21 PM IST

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्या​धिकारी चित्रा रामकृष्ण ने बाजार नियामक सेबी के ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट (टीएपी) मामले में निपटान के दौरान संबं​धित दस्तावेजों का खुलासा नहीं करने के निर्णय को चुनौती दी है। अक्टूबर में एनएसई, उसके पूर्व एमडी और सीईओ विक्रम लिमये और आठ अन्य ने सेबी को 643 करोड़ रुपये की निपटान रा​शि चुकाकर टीएपी के दुरुपयोग से जुड़ा मामला सुलझा लिया था।

रामकृष्ण ने इस निपटान से संबं​धित दस्तावेजों की मांग की थी। उनकी अपील पर विचार करते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि एनएसई ने दस्तावेजों के खुलासे पर आपत्ति जताई थी। चूंकि निपटान में नौ अन्य पक्ष शामिल हैं। इसलिए न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया है कि रामकृष्ण की अपील दाखिल करने के बारे में उन्हें सूचित किया जाए। निपटान में शामिल अन्य पक्ष गोपनीयता बनाए रखने या खुलासा करने के बारे में अपनी राय साझा कर सकते हैं।

पिछले साल रामकृष्ण को उस वक्त को-लोकेशन मामले में राहत मिली थी जब सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वार्ष्णेय ने आरोपों की पुष्टि में साक्ष्यों के अभाव का हवाला देते हुए उन पर, एनएसई, रवि नारायण और आनंद सुब्रमण्यन पर लगे आरोपों को वापस ले लिया था।

टीएपी मामले में बाजार नियामक ने फरवरी 2023 में एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस इस जानकारी के बाद दिया गया था कि कि ब्रोकरों द्वारा सिस्टम का दुरुपयोग किए जाने की संभावना थी और एनएसई ने सुधार के उचित कदम नहीं उठाए ।

टीएपी एक सॉफ्टवेयर ऐ​प्लीकेशन है जिसे एनएसई ने विकसित किया है और इसका इस्तेमाल शेयर ब्रोकरों द्वारा एक्सचेंज के ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संचार (ऑर्डर/ट्रेड) स्थापित करने के लिए किया जाता है। इसे 2008 में शुरू किया गया था और इक्विटी सेगमेंट में सितंबर 2019 तक जारी रखा गया था।

First Published : January 24, 2025 | 10:21 PM IST