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फंड पर कमीशन का भुगतान होगा अलग से

Last Updated- December 08, 2022 | 9:04 AM IST

बाजार नियामक सेबी म्युचुअल फंड के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव लाने की योजना बना रहा है।


इसके तहत सभी म्युचुअल फंड कंपनियों को अपने निवेश की जानकारी हर माह कंपनी के वेबसाइट पर देनी होगी। मौजूदा समय में ज्यादातर म्युचुअल फंड कंपनियां अपने निवेश की पूरी जानकारी नहीं देती हैं।

इसके साथ ही सेबी इस तैयारी में है कि म्युचुअल फंड कंपनियों के जरिए निवेश करने वाले अब वितरकों के कमीशन को निवेश रकम से अलग चेक के जरिए भुगतान किया जाए। दरअसल, एस.ए. दवे के नेतृत्व में गठित म्युचुअल फंड सलाहकार समिति ने इसकी सिफारिश की है।

मौजूदा समय में कंपनी निवेश रकम में से अपना कमीशन काट लेती है, लेकिन इन सिफारिशों के लागू होने से अब कंपनियां ऐसा नहीं कर सकेंगी।

इससे फंड उद्योगों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। इस कदम की जरूरत इसलिए भी बताई जा रही है कि कंपनियां सेवा के बदले निवेशकों से कमीशन लेती हैं, ऐसे में निवेशक सेवा की गुणवत्ता को लेकर कमीशन मसले पर मोल-भाव भी कर सकेंगे।

समिति में इस बता की भी चर्चा की गई कि फंड कंपनियां तय मात्रा में अपनी रकम अनिवार्य रूप से बैंक की नियत अवधि जमा योजनाओं और ट्रेजरी बिल में निवेश करें। मौजूदा समय में एक योजना के तहत 20 फीसदी से अधिक रकम सावधि जमा या ट्रेजरी बिल के तौर पर नहीं रखी जा सकती है।

यही नहीं, फंड मैनेजर चाहे तो इन योजनाओं में निवेश भी नहीं कर सकता है। ऐसे में सेबी इस कोशिश में जुटी है कि म्युचुअल फंड कंपनियां बैंक और ट्रेजरी बिल में कम से कम 40 फीसदी रकम जमा रखे, ताकि अचानक निकासी की स्थिति में पैसे की किल्लत न हो।

First Published - December 15, 2008 | 12:30 AM IST

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