डॉलर के फिर से मजबूत होने के कारण कुछ कमोडिटी एवं रिसोर्स शेयरों में आई तबदीली ने कुछ कमोडिटी केंद्रित म्युचुअल फंडों को हलकान कर दिया है।
एक महीने के भीतर ही कमोडिटी संबंधित शेयरों में कदम रखने वाले म्युचुअल फंडों ने तीन से 15 फीसदी के दायरे में नकारात्मक रिटर्न दिए हैं।
बात अगर हम डीएसपी मेरिल लिंच के वर्ल्ड गोल्ड फंड की करें जो पिछले कुछ महीनों पहले ही सबसे बढ़िया प्रदर्शन देने वालों में शुमार किया जाता था अब हालात ऐसे हैं कि इसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य में 42 फीसदी की कमी आ चुकी है।
कमोडिटी बाजार में आई गिरावट के चलते फंड का एनएवी 16.3 रुपये से 9.38 रुपये के स्त पर आ गिरा है। इससे पहले यह फंड सोना खनन कंपनियों के शेयरों में निवेश किया करता है।
गोल्ड-एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की ही बात करें तो यह भी इन गिरावटों से अछूता नही रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों के दौरान पीले धातु यानी सोना में कई प्रकार के करेक् शन देखने को मिले हैं।
पिछले एक महीने के दौरान तकरीबन सभी गोल्ड ईटीएफ मसलन रिलायंस गोल्ड क्वांटम ने भी 4.25 फीसदी के नकारात्मक रिटर्न ही दर्ज किए हैं। यूटीआई गोल्ड ईटएफ की बात करें तो इसमें भी पिछले 52 हफ्तों की ऊंचाई के बाद से 17 फीसदी की गिरावट ही दर्ज हुई है।
मालूम हो कि मार्च में सोने की कीमतें सबसे ऊंचे स्तर 1033 डॉलर प्रति औंस पर थीं लेकिन उसके बाद से इसमें 26 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। यह धातु इस वक्त 788 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।
इस हफ्ते सोने की कीमतें चार फीसदी कम हुई हैं जबकि डॉलर में 1.9 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई है। शेयरखान की रिपोर्टों के मुताबिक बेस मेटल काँप्लेक्सों के दाम बढ़ने पर इसे बेचना मुनासिब है क्योंकि प्रमुख संस्थागतों में गिरावट होने के कारण तरलता के लंबी अवधि तक बरकरार रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा लीवरेज न मिलने की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है जिससे इन मेटल काँप्लेक्सों पर ज्यादा भार पड़ सकता है। इसी प्रकार डीएसपी मेरिल लिंच के नैचुरल रिसॉर्सेस फंड के एनएवी की बात करें तो इसमें भी 14 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
जबकि इस फंड ने पिछले एक महीनों के दौरान 7.66 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया है। कच्चे तेल कीकीमतों में जुलाई के बाद से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है और यही वजह रही कि नाईमेक्स यानी एनवाईएमईएक्स क्रूड 148 डॉलर से गिरकर 96 डॉलर के स्तर पर आ गया है।
मिरे एसेट् के ग्लोबल कमोडिटी स्टॉक फंड, आईएनजी के लैटिन अमेरिका फंड और रिलायंस नैचुरल रिसॉर्सेस फंड में भी करेक्शन हुआ है।