डाबर के मार्च 2008 की तिमाही के आकड़े आशा के अनुरुप नहीं रहे। कंपनी का नेट प्रॉफिट जहां कुछ चार फीसदी ही बढ़ा वहीं कंपनी केराजस्व में 14.3 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
जबकि हिंदुस्तान यूनीलीवर का राजस्व आधार कहीं अधिक अच्छा रहा था और कंपनी के राजस्व में 19 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी। बढ़ती कीमतों की वजह से कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन दबाव में रहा। कंपनी का इबिटडा मार्जिन दिसंबर में सपाट रहा था लेकिन मार्च 2008 की तिमाही में यह 0.5 फीसदी गिरकर 16.1 फीसदी के स्तर पर आ गया।
यह समझने योग्य है कि कंपनी के कुछ नऐ क्षेत्रों में निवेश बढ़ने से उसका लाभ दबाव में है। कंपनी रिटेल,ब्यूटी और वेलनेस चैन के क्षेत्रों में प्रवेश कर रही है। लेकिन कंपनी के परिणामों में जो परेशान करने वाली बात है कि कंपनी अच्छी टॉपलाइन ग्रोथ नही कर पाई। भारतीय अर्थव्यवस्था के इतनी अच्छी हालत में होते हुए भी कंपनी के टॉपलाइन ग्रोथ का अच्छा न होना कंपनी केचिंता का सबब है।
कंपनी ने पर्सनल केयर सेगमेंट में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन डाइजेस्टिव और ओरेल सेगमेंट के कारोबार में कंपनी को घाटा उठाना पड़ा। जबकि कंपनी का वित्तीय वर्ष 2008 में राजस्व 15.6 फीसदी बढ़ा। इसकी तुलना में वित्तीय वर्ष 2007 में कंपनी के राजस्व में 18.6 फीसदी की बढाेत्तरी हुई थी। कंपनी का राजस्व इस वित्तीय वर्ष में 2,361 करोड़ रहा।
इसके अतिरिक्त कंपनी के दिसंबर 2007 की तिमाही में राजस्व में 14.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी और सितंबर 2007 की तिमाही में यह 13 फीसदी बढ़ा था। डॉबर को अपना कारोबार तेजी से बढ़ाने की जरुरत है क्योंकि कंपनी नेस्ले जैसी किसी भी स्थिति से बचना चाहेगी। जबकि कंपनी अपने उत्पादों के वॉल्यूम की बिक्री बढ़ाने में सक्षम है लेकिन इससे कंपनी की प्राइसिंग पॉवर के ज्यादा बढ़ने के आसार नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2008 में कंपनी की वापसी में मात्र 3 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि कंपनी के वॉल्यूम की बिक्री 12 फीसदी बढ़ी। कंपनी अगर अपनी मार्जिन को बरकरार रखना चाहती है तो जरुरी है कि कंपनी अपनी टॉपलाइन ग्रोथ को सुधारे क्योंकि ब्रांड प्रमोशन,मार्केटिंग में होने वाले खर्च में किसी भी प्रकार की कमी होने आशंका नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2009 में डॉबर के राजस्व के 2,750 करोड़ केस्तर पर रहने के आसार हैं और कंपनी का लाभ लगभग 390 करोड़ के करीब रहेगा। मौजूदा बाजार मूल्य 104 रुपए के स्तर पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 22 गुना केस्तर पर हो रहा है। इसके कुछ महंगे रहने के आसार हैं।
ग्लेनमार्क-अच्छा स्वास्थ्य
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स केपरिणामों ने बाजार को आश्चर्यचकित कर दिया। इसके परिणाम बाजार के माहौल के विपरी त रहे। 1,978 करोड़ का कारोबार करने वाली इस कंपनी केनेट सेल में वित्तीय वर्ष 2008 की तिमाही में 64 फीसदी की बढाेत्तरी हुई और यह 573 करोड़ पर पहुंच गया। पिछले वित्तीय वर्ष में भी कंपनी ने बेहतर परिणाम दिए थे और कंपनी की बिक्री 50 फीसदी बढ़ी थी।
इसका परिणाम यह रहा कि इस तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन 10.5 फीसदी बढ़कर 39 फीसदी पर पहुंच गया। इससे कंपनी की मार्जिन में भी 5.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और यह 40.6 फीसदी पर पहुंच गया। इसके विपरीत दूसरी बड़ी दवा कंपनियों जैसे सिपला के लाभ में 2.9 फीसदी की गिरावट आई और यह कुछ 20 फीसदी से ऊपर आ गया।
कंपनी के कुल राजस्व में उसके विदेशी कारोबार से प्राप्त होने वाले राजस्व की हिस्सेदारी 56 फीसदी है और मार्च 2008 की तिमाही में कंपनी का अमेरिका से प्राप्त होने वाला राजस्व 145 फीसदी तक बढ़ा। इसकी वजह कंपनी का अमेरिकी दवा बाजार में ऑक्सकॉरबेजेपाइन दवा को लांच करना रहा। कंपनी ने इस दवा को 180 दिनों के लिए लांच किया था।
सिर्फ इसी दवा की बिक्री से कंपनी को 140 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। इसकेअतिरिक्त कंपनी ने अपने मॉल्युकूल को लाइसेंस के लिए जारी किया है और कंपनी ने अमेरिकी फॉरेस्ट लैब से 60 करोड़ का जबरदस्त भुगतान भी प्राप्त किया है। कंपनी ने इस लैब के लिए ओगलेमिलास्ट पर रिसर्च किया था जिसका इस्तेमाल अस्थमा के उपचार में किया जाता है।
कंपनी प्रबंधन का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2009 में उसका राजस्व 35 फीसदी तक बढ़ सकता है। कंपनी के इतने विश्वास की वजह उसकेमॉल्युकूल्स से आने वाला राजस्व है जिसे उसने आगे के शोधों लिए आउटसोर्स कर रखा है।
कंपनी का मानना है कि अगले वित्त्तीय वर्ष में भी कंपनी के उत्पादों की अच्छी बिक्री होगी। कंपनी जेनेरिक और एक्टिव दोनों प्रकार केफार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स बनाती है। कंपनी अपने कुछ उत्पादों की बिक्री का जिम्मा अपनी सहयोगी कंपनी को भी देना चाहती है।
कंपनी के स्टॉक ने 2008 में आउटपरफार्म किया है। जहां शेयर बाजार में 16 फीसदी की गिरावट आई वहीं कंपनी केशेयर नौ फीसदी तक चढ़े। इस समय बाजार में कंपनी के स्टॉक का मूल्य 650 रुपए है। कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 22 गुना केस्तर पर हो रहा है और इसे आगे भी आउटपरफार्म करना चाहिए।