Categories: बाजार

बड़ी ब्रोकिंग कंपनियों पर मंडरा रहे हैं काले बादल

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:41 PM IST

अगर चौथी तिमाही में खुदरा ब्रोकरेज जिओजित फाइनैंशियल सर्विसेज के  परिणाम आ जाते हैं और साथ ही प्राइम सिक्यूरिटीज द्वारा 23 करोड़ रुपये के मार्क-टू-मार्केट प्रावधानों के संकेत मिलते हैं, तो फिर आने वाले दिनों में देश की बड़ी ब्रोकरेज कंपनियों के सामने मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।


जिओजित  फाइनैंशियल ने बताया कि  पिछले तिमाही यानी दिसंबर 2007 के अंत तक कंपनी को जितना शुध्द मुनाफा हुआ था उसके मुकाबले इस वित्तीय वर्ष (2008) की चौथी तिमाही में कंपनी के शुध्द मुनाफे में 46 फीसदी की कमी आई है। यह मुख्य रूप से तेजड़िये बाजार द्वारा संचालित होते हैं।


कंपनी ने ऐसे कर्जों के नुकसान के लिए जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही थी, चार करोड़ रुपये की प्रावधानों घोषणा की थी। जिओजित फाइनैंशियल के प्रबंध निदेशक सी. जी. जार्ज ने बताया, ”नुकसान की भरपाई के लिए प्रावधानों की घोषणा ऐसी स्थिति में की गई थी जब ग्राहक अपने कर्तव्यों के निर्वाह में विफल हो गए थे।


”उल्लेखनीय है कि जिओजित मुख्य रूप से आयोग-आधारित खुदरा ब्रोकिंग गतिविधियों में सक्रिय रहती है। इसके अलावा यह कंपनी बीमा और म्युचुअल फंड वितरण का भी कार्यान्वयन करती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिओजित की दुबई स्थित एक अनुषंगी जिओजित सिक्यूरिटीज के मुनाफे में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है।


जार्ज ने बताया, ”एक तरफ तो वितरण कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी ओर शेयर ब्रोकिंग गतिविधियों को झटका लगा है और विभिन्न शेयरों के वॉल्यूम में गिरावट आई है।”उल्लेखनीय है कि कोच्चि स्थित जिओजित द्वारा मार्च 2007-08 तिमाही में 12.90 करोड़ रुपये का शुध्द मुनाफा दर्ज किया गया था। बीते महीने प्राइम सिक्यूरिटीज ने अधिकतम  23 करोड़ रुपये (57 लाख डॉलर ) का प्रावधान रखा था।


यह प्रावधान हाल ही में शेयर बाजार में आई मंदी से हई हानि की भरपाई के लिए किया गया था। ब्रोकरेज कंपनियों ने भी यह घोषणा की थी कि उन्हें फ्यूचर और ऑप्शंस क्षेत्रों में 3 करोड़ रुपये का घाटे का सामना करना पड़ा है। शेयर बाजार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम तिमाही में अधिकांश शेयर ब्रोकरों को शेयर बाजार में मंदड़िये बने रहने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा।


हालांकि इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ हफ्तों (या महीनों) में कर्जों में हुए नुकसान की भरपाई कर ली जाएगी। फिलहाल ब्रोकिंग कंपनियां चौथी तिमाही के परिणाम को टालना चाह रही हैं।

First Published : April 15, 2008 | 10:22 PM IST