भारत में 20 बड़े वेंचर कैपिटल (वीसी) और निजी इक्विटी (पीई) फंडों में से कम से कम 14 ने वर्ष 2022 में स्टार्टअपों के साथ नए सौदे 20 प्रतिशत तक घटा दिए हैं। वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार यह संख्या वर्ष 2021 में 572 थी, जो इस साल घटकर 456 हो रह गई।
निवेश में अग्रणी सिकोया कैपिटल ने अपना शीर्ष स्थान कायम तो रखा, लेकिन इसके सौदों की संख्या 2021 के 110 के मुकाबले गिरकर इस साल 71 रह गई। टाइगर कैपिटल, एक्सेल इंडिया, मैट्रिक्स पार्टनर्स ने भी नए सौदे कम कर दिए। जो कंपनियां 20 फंडों वाली इस सूची में शामिल नहीं हैं, उन्होंने भी नए सौदे कम कर दिए। स्टार्टअपों के बीच पसंदीदा सॉफ्टबैंक के सौदों की संख्या वर्ष 2021 के 18 से घटकर इस साल केवल चार रह गई। 23वें स्थान पर रही लाइटस्पीड वेंचर्स के सौदों की संख्या वर्ष 2021 में 37 थी, जो वर्ष 2022 में घटकर केवल 16 रह गई।
निवेशकों द्वारा अपने हाथ रोकने का असर स्टार्टअपों पर भी साफ नजर आया है। यह असर ई-कॉमर्स, एडटेक और हेल्थकेयर के विकास क्षेत्रों में अधिक दिखाई दिया है। इन क्षेत्रों में निवेश पिछले साल की तुलना में वर्ष 2022 में आधा से ज्यादा कम हो गया।
एडटेक क्षेत्र में वीसी निवेश वर्ष 2021 के चार अरब डॉलर के मुकाबले घटकर वर्ष 2022 में केवल 1.9 अरब डॉलर रह गया। (सौदों की संख्या वर्ष 2021 के 97 से घटकर वर्ष 2022 में 60 रह गई)। ई-कॉमर्स में यह निवेश वर्ष 2021 के 10 अरब डॉलर के मुकाबले लुढ़ककर वर्ष 2022 में केवल पांच अरब डॉलर रह गया। (सौदों की संख्या पिछले साल के 210 से घटकर वर्ष 2022 में 147 रह गई)।
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स्वास्थ्य देखरेख क्षेत्र, जिसमें कोरोनावायरस के दौरान दिलचस्पी पैदा हुई थी, में वर्ष 2021 के दौरान 2.7 अरब डॉलर का निवेश हुआ था, जो वर्ष 2022 में घटकर केवल 1.3 अरब डॉलर रह गया। इसी अवधि के दौरान खाद्य क्षेत्र के निवेश में 40 प्रतिशत की गिरावट नजर आई। विकास वाले क्षेत्र – फिनटेक के निवेश में पिछले साल की तुलना में 36 प्रतिशत तक की गिरावट आई। पीई और वीसी ने वर्ष 2022 के दौरान भारतीय स्टार्टअपों में संयुक्त रूप से 23 अरब डॉलर का निवेश किया, जिसमें वर्ष 2021 के 35 अरब डॉलर के मुकाबले तकरीबन 35 प्रतिशत की गिरावट आई है। वेंचर इंटेलिजेंस ने रकम उगाही के सभी दौरों को ध्यान में रखा है।
वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार, चूंकि सौदों की संख्या में गिरावट आई है, इसलिए उनका औसत आकार 26 प्रतिशत कम हुआ है, जो वर्ष 2021 के 2.9 करोड़ डॉलर से घटकर वर्ष 2022 में 2.1 प्रतिशत रह गया है।