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पैंटालून-बिक्री में कमी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 11:01 PM IST

मार्च 2008 की तिमाही में पैंटालून की राजस्व बढ़त पिछले पांच तिमाहियों में सबसे कम रही। इस तिमाही में कंपनी का राजस्व सिर्फ 57 फीसदी बढ़ा।


कंपनी की इस राजस्व बढ़त की वजह कुछ मायने में अन्य परिचालन आय और ऊंची संस्थागत बिक्री रही। इस रिटेलर की बिक्री में भी कमी दर्ज की गई। वित्तीय वर्ष 2007 केदूसरे भाग में जहां कंपनी की बिक्री की दर 80 फीसदी थी वहीं यह पिछले दो तिमाहियों में 60 फीसदी पर आ गई।


हालांकि कंपनी के स्टोर की बिक्री बढ़ती दिखती है लेकिन यह मार्च 2008 की तिमाही में मात्र 15 फीसदी रहा जो उत्साहजनक नहीं है। कंपनी के लिए जो परेशान करने वाली बात है कि उसका ग्रास मार्जिन इस तिमाही में 2.9 फीसदी गिरकर 29.7 फीसदी पर आ गया। इसकी वजह वैल्यू रिटेलिंग का ऊंचा अनुपात रहा जो पिछले तिमाहियों के 66 फीसदी की तुलना में 70 फीसदी तक बढ़ा।


इसके अतिरिक्त कंपनी ने कम लाभ वाले इलेक्ट्रानिक सामान की भारी मात्रा में बिक्री की। कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट अवश्य बढ़ा लेकिन इसकी वजह कंपनी का अपने कर्मचारियों पर कम खर्च करना रहा। जिसमें 0.8 फीसदी की गिरावट आई। इसके अतिरिक्त कई महीनों के बाद कंपनी का सेल्स रेशियो भी बढ़ा लेकिन इसमें आठ फीसदी की ही बढोत्तरी हुई।


संभावित रुप से इसकी वजह साल के अंत में क्लीयरेंस सेल हो सकती है। कंपनी के औसत इनवेंटरी लेवल के भी ऊंचे रहने के आसार हैं और यह तिमाही सेल के 90 फीसदी पर रहेगा। पैंटालून की मजबूती का कारण उसका कई श्रेणियों में मौजूद होना और उसका 40 से अधिक शहरों से परिचालन है। कंपनी के कारोबार का तेजी से प्रसार हो रहा है और उसका लक्ष्य 2010 तक 200 लाख वर्ग फुट तक अपने आउटलेट का प्रसार करना है जो अभी 73 लाख वर्ग फुट है।


कंपनी की भविष्य में भी प्रसार करने की योजना है। इसके लिये कंपनी व्यापक निवेश करेगी। हालांकि कंपनी की सहयोगी कंपनियां जैसे होम सॉल्यूशन जिसका कंपनी के राजस्व में 10 फीसदी की भागेदारी है,इससमय नुकसान से जूझ रही हैं। इसके अतिरिक्त प्रतियोगी वातावरण की वजह से पैंटालून केबिक्री के मंदे रहने के आसार हैं और वित्तीय वर्ष 2009 में इसके 53 से 54 फीसदी केस्तर पर रहने के आसार हैं।


कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन भी आठ फीसदी के दायरे में ही रहेगा। पैंटालून को वित्तीय वर्ष 2008 के अंत तक 5,500 करोड़ का कारोबार करना चाहिए और कंपनी का कुल लाभ 100 करोड़ तक रहना चाहिए। मौजूदा बाजार मूल्य 455 रुपए के स्तर पर कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय के 38 गुना के स्तर पर हो रहा है और यह अभी महंगा है।

First Published : May 12, 2008 | 10:56 PM IST