देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ अपने 2.2 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद (बायबैक) करेगी।
कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह 600 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बाजार से अगले 12 महीनों में इन शेयरों की खरीद करेगी, जिस पर 1100 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। शेयरों की पुनर्खरीद से कंपनी के प्रवर्तकों के पास कुल 89.4 फीसदी शेयर हो जाएंगे।
वर्तमान में प्रवर्तकों के पास कंपनी के 88.2 फीसदी शेयर हैं। दिल्ली स्थित डीएलएफ कंपनी ने बताया कि पुनर्खरीद के लिए रकम अंदरुनी स्रोतों से जुटाई जाएगी। ऐंजल ब्रोकिंग के विश्लेषक शैलेश कनानी ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि कंपनी 700 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से पुनर्खरीद की घोषणा करेगी, क्योंकि एक साल पहले जब यह सूचीबद्ध हुई थी, तब इसके शेयरों की कीमत 570 रुपये थी। लेकिन पुनर्खरीद के लिए 600 रुपये प्रति शेयर की घोषणा उत्साहजनक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी को पुनर्खरीद की घोषणा इसलिए करनी पड़ी क्योंकि पिछले कुछ समय से इसके शेयरों में 63 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। यही वजह है कि वह निवेशकों में अपनी साख बचाने के लिए ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुई है। कंपनी ने दो जुलाई को जब पुनर्खरीद की घोषणा की, तब से इसके शेयरों में 6 फीसदी का उछाल आ चुका है।
केजरीवाल रिसर्च ऐंड इन्वेस्टमेंट सर्विस के अरुण केजरीवाल का कहना है शेयरों की पुनर्खरीद से शेयरधारकों को खास फायदा नहीं होने वाला है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पुनर्खरीद की घोषणा से यह पता चलता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है। रेलिगेयर सिक्यूरिटीज के विश्लेषक सुमन मिमानी ने बताया कि 1100 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद यह दर्शाती है कि कंपनी नकदी की किल्लत का सामना नहीं कर रही है।