बाजार

सदस्यों की कमी से SAT के कामकाज पर असर, उठाए जाने चाहिए कदम

SAT मुख्य रूप से SEBI, IRDAI और PFRDA के साथ साथ स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरियों के आदेशों के ​​खिलाफ मामले सुनता है।

Published by
खुशबू तिवारी   
Last Updated- February 12, 2024 | 10:54 PM IST

प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) में संपूर्ण पीठ न होने से उसका कामकाज बा​धित हुआ है जिससे विलंब एवं व्यवधान की समस्या बढ़ रही है। उद्योग की कंपनियों का मानना है कि अगर पीठ को जल्द ही पूरी तरह बहाल नहीं किया गया तो इससे कोष जुटाने और विस्तार की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे विलंब से व्यापक विवाद समाधान नहीं होने से अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी प्रभावित हो सकते हैं। 

सैट बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय नियामक विकास प्रा​धिकरण (आईआरडीएआई) और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्रा​धिकरण (पीएफआरडीए) के साथ साथ स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरियों के आदेशों के ​​खिलाफ अपीलों को सुनता है और उनका निपटारा करता है। 

कोई न्यायिक सदस्य नहीं होने से जिन मामलों में पहले ही बहस हो चुकी है, उन्हें नए सिरे से सुनने की आवश्यकता होगी। इनमें सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस और बॉम्बे डाइंग से जुड़े मामले शामिल हैं। बॉम्बे डाइंग को अपने राइट इश्यू के लिए नियामकीय मंजूरी का इंतजार है। इरोज इंटरैशनल और नैशनल स्पॉट एक्सचेंज से जुड़े मामले भी पंचाट में लंबित हैं।

सेबी के पूर्व अ​धिकारी एवं रजस्ट्रीट लॉ एडवायजर के संस्थापक सुमित अग्रवाल ने कहा, ‘सैट में लंबे समय तक पद खाली रहने से कामकाज का दबाव बढ़ रहा है। इससे व्यावसायिक और नियामकीय परिदृश्य प्रभावित हो रहा है। विलंब से न केवल पंचाट की क्षमता प्रभावित हो रही है ब​ल्कि खास मामलों का समाधान भी बा​धित हो रहा है।’ 

अग्रवाल ने कहा, ‘सैट के कामकाज में विलंब से पैदा हुई अनिश्चितता से भारत में निवेश की योजना बना रहे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि प्रभावी विवाद समाधान उनके लिए जरूरी है।’

इस समय तीन सदस्यीय इस पंचाट में सिर्फ मीरा स्वरूप ही टेक्नीकल सदस्य के तौर पर कार्यरत हैं। सरकार द्वारा एक न्यायिक सदस्य की नियु​क्ति का इंतजार किया जा रहा है। पंचाट के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने दिसंबर 2023 में कार्यालय आना छोड़ दिया। संपूर्ण पीठ लंबे समय से न होने से कानूनी जानकारों का कहना है कि अपीलें हाई कोर्ट में पेश की जा सकती हैं, लेकिन राहत की संभावना सीमित होगी। 

वित्त मंत्रालय ने पंचाट में पीठासीन अधिकारी के पद को भरने के लिए पहली बार अगस्त 2023 में आवेदन आमंत्रित किए थे। कैबिनेट सचिव और वित्त सचिव ‘सर्च-कम-सलेक्शन कमेटी’ में शामिल हैं। 

First Published : February 12, 2024 | 10:54 PM IST