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लीजिए सिप के साथ बीमा का भी मजा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:42 AM IST

ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए म्युचुअल फंड कंपनियां नये तरीके अपना रही है।


सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिये कोष जुटाने को प्रोत्साहित करने के लिए रिलायंस म्युचुअल फंड ने हाल ही में ‘रिलायंस सिप इंश्योर’ पेश किया है जिसमें जीवन बीमा एड ऑन फीचर के तौर पर उपलब्ध है। इसके तहत ग्राहक रिलायंस म्युचुअल फंड की 11 योजनाओं में  जीवन बीमा की सुविधा भी पा सकते हैं।

इसी प्रकार सहारा म्युचुअल फंड भी बच्चों के लिए एक ऐसी ही योजना विकसित कर रही है जिसमें यूनिट धारकों को जीवन बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का नाम फॉरच्यून चाइल्ड प्लान होगा। हालांकि ये योजनाएं नई नहीं हैं।

वर्ष 2005 में डीएसपी मेरिल लिंच ने ऐसी ही एक पेशकश की थी जिसका नाम सुपर सिप था। डीएसपी मेरिल लिंच की इस योजना के तहत निवेशकों को सावधि बीमा भी उपलब्ध कराया जाता था। पिछले वर्ष कोटक म्युचुअल फंड ने ऐसी ही एक योजना कोटक स्टार किड लॉन्च किया था। रिलायंस सिप इंश्योर में निवेशक को पहले तीन सालों तक निवेश करना होता है और उसके बाद अगर निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो निवेश बीमा की राशि से जारी रहता है।

सबसे अच्छी बात यह है कि न तो नामित व्यक्ति और न ही आरंभिक निवेशक को इस अतिरिक्त बीमा के लिए भुगतान करना होता है। आम तौर पर ऐसी योजनाएं कुछ इस तरह काम करती हैं। मान लीजिए कि आपने 10 वर्षों के लिए 5,000 रुपये प्रति माह सिप के माध्यम से निवेश करने का निर्णय लेते हैं। और तीन वर्षों बाद, रिलायंस म्युचुअल फंड के मामले में, दुर्भाग्यवश निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो शेष बचा 4,20,000 रुपये के सिप का भुगतान बीमा कंपनी करती है।

हालांकि, इसकी कुछ शर्तें भी हैं। रिलायंस म्युचुअल फंड के मामले में इस सिप की अवधि के दौरान प्रॉफिट-बुकिंग की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त अगर आप योजना से बाहर होते हैं या किसी दूसरी योजना में अपने पैसे अंतरित करते हैं तो आपको दो प्रतिशत का निकासी प्रभार देना होगा। एक वित्तीय योजनाकार ने कहा, ‘इस तरह की योजनाएं मूल रुप से दीर्धावधि के अनुशासित निवेश को बढ़ावा देती हैं।’

कोटक म्युचुअल फंड के मामले में निकासी प्रभार 3.25 प्रतिशत का है जो इक्विटी फंडों के सामानय निकासी प्रभार से एक प्रतिशत अधिक है। शीघ्र ही इस प्रकार के कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध होने की आशा है। इडलवायस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रासेश शाह ने कहा , ‘अगले तीन-चार वर्षों में म्युचुअल फंड उद्योग अभिनव उत्पादों पर यादा ध्यान देगा और एक उत्पादों का एक आला वर्ग तैयार करेगा।’

इस कंपनी को हाल ही में परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी की शुरुआत के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की अनुमति मिली है। शाह के म्युचुअल फंड योजनाएं निवेशकों के लिए यादा उपयुक्त और आकर्षक हो यही  ऐसे उत्पादों के लाने का मूल आधार है।

सहारा म्युचुअल फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन के गर्ग के अनुसार घरेलू बचत का केवल तीन प्रतिशत ही म्युचुअल फंड उद्योग में आ पाता है जो 30 प्रतिशत के वैश्विक औसत से काफी कम है। इस तरह की नई योजनाएं म्युचुअल फंड उद्योग द्वारा घरेलू बचत को आकर्षित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

First Published : May 26, 2008 | 12:26 AM IST