Stock Market: नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और BSE ने मंगलवार को विवादास्पद इनहांस्ड सर्विलांस मीजर्स फ्रेमवर्क (ESM Framework) में संशोधन का ऐलान किया। इस फ्रेमवर्क को 500 करोड़ से कम मार्केट कैप (mcap) वाली छोटी और माइक्रो-कैप कंपनियों (small and micro-cap companies ) में अस्थिरता और संभावित हेरफेर को रोकने के लिए पिछले महीने पेश किया गया था।
सेबी द्वारा बदलावों का ऐलान ESM Framework के स्टेज II के तहत रखी गई कंपनियों के लिए किया गया था और यह 24 जुलाई से प्रभावी होंगे। स्टेज II ESM Framework के मौजूदा नियम के तहत स्टेज II में रखी गई कंपनियों के स्टॉक को पीरियॉडिक कॉल ऑक्शन ( Periodic Call Auction) के साथ सप्ताह में केवल एक बार ट्रेड करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन सेबी ने एक बड़ी राहत देते हुए कहा कि अब सभी दिन 2 प्रतिशत प्राइस बैंड के साथ ट्रेड करने की अनुमति होगी।
हालांकि सेबी ने 100 प्रतिशत मार्जिन नियम में कोई बदलाव नहीं किया है यानी 100 प्रतिशत मार्जिन आवश्यकता के साथ ट्रेड की अनुमति दी गई है। बता दें कि, यह राहत सिर्फ फ्रेमवर्क के स्टेज II के तहत रखी गई कंपनियों के लिए है, स्टेज I में कंपनियों के लिए किसी बदलाव की घोषणा नहीं की गई है।
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एक्सचेंजों ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) के साथ एक संयुक्त चर्चा में ESM फ्रेमवर्क के तहत मौजूदा सर्विलांस ऐक्शन का रिव्यू किया गया है।
बता दें कि 420 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण (mcap) वाली BSE-लिस्टेड कंपनी मर्करी ईवी-टेक (Mercury EV-Tech) ने नए फ्रेमवर्क के खिलाफ राहत के लिए सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में अर्जी दी थी, जिसके बाद सेबी की तरफ से यह अपडेट आया है।
कंपनी ने कहा कि उन्हें स्टेज II में रखने से उसके शेयरों में लिक्विडिटी नहीं रह गई, जिससे कंपनी और इनवेस्टर्स को नुकसान हुआ।
SAT इस मामले पर 25 जुलाई को सुनवाई करेगा।
कई अन्य ब्रोकरों और संस्थाओं ने मुद्दों पर चिंता जताई और नए फ्रेमवर्क के साथ चुनौतियों का समाधान करने के लिए सेबी के पास अर्जी दर्ज कराई।