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निफ्टी में और गिरावट की आशंका

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 1:05 AM IST

गुरुवार को निफ्टी गिरावट के साथ खुला और इसने 3000 का मनोवैज्ञानिक स्तर तोड़ दिया। कारोबार की समाप्ति पर निफ्टी दो साल के सबसे कम स्तर 2943 पर बंद हुआ।


इस तरह कल के मुकाबले निफ्टी में 122 अंक की गिरावट हुई। शेयर बाजार पर नजर रखने वाले तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, 3000 से नीचे बंद होने से बाजार में निराशा का माहौल बनने की आशंका है और उम्मीद है कि इसमें और ज्यादा गिरावट होगी।

एंबिट कैपिटल के एक विश्लेषक के मुताबिक, निफ्टी में और भारी गिरावट होने का अनुमान है। इसके गिरकर 2850 तक पहुंचने की आशंका है। कहा जा रहा है कि और ज्यादा गिरावट हुई तो यह 2615 अंकों तक चला जाएगा।

निफ्टी ऑप्शंस के आंकड़ों से पता चलता है कि निफ्टी को 2900 के स्तर पर समर्थन मिलेगा। आज 2900 पर खरीदार कॉल ऑप्शंस खरीद रहे थे और 2900 पर पुट ऑप्शंस बेच रहे थे। इससे पहले आज दिन के कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगुआई में शेयर लुढ़के।

 रिलायंस के शेयर 7.6 फीसदी की गिरावट के साथ 2006 के बाद अपने सबसे निचले स्तर 1,215.25 रुपये पर बंद हुए। वायदा और विकल्प के आंकड़ों से जाहिर होता है कि कारोबारियों ने अपनी शॉर्ट पोजीशान रोलओवर कर ली हैं। आशंका है कि  इसके शेयर में और गिरावट आ सकती है।

बैंकिंग शेयरों में आईसीआईसीआई 7 फीसदी से ज्यादा गिरा। इसके शेयर में भी वायदा और विकल्प के कारोबारियों ने शॉर्ट पोजीशन रोलओवर की है। उन्होंने नवंबर सीरीज के 15.8 लाख शेयर रोलओवर किए हैं।

धातु कंपनियों के शेयरों में इसलिए गिरावट आई कि कारोबारी मान रहे हैं कि वैश्विक मंदी के कारण मांग और घट जाएगी। डेरिवेटिव्स सेगमेंट में शॉर्ट बनने से सबसे ज्यादा मार टाटा स्टील और हिंडाल्को पर पड़ी। हिंडाल्को के शेयरों में 14 फीसदी की गिरावट हुई और इसके 28.7 लाख शेयरों में शॉर्ट रोलओवर हुए। इसी तरह शॉर्ट रोलओवर पोजीशन के कारण टाटा स्टील के शेयर करीब 15 फीसदी लुढ़क गए।

निफ्टी अक्टूबर और नवंबर के वायदा सौदे इस महीने में पहली बार निफ्टी के हाजिर भावों के मुकाबले डिस्काउंट पर बंद हुए। मोतीलाल ओसवाल के उपाध्यक्ष और डेरिवेटिव्स विशेषज्ञ जितेंद्र पंडा के अनुसार, निफ्टी वायदा में डिस्काउंट पर कारोबार होने का मतलब है कि निकट भविष्य में बिकवाली का और दबाव ।

उन्हें उम्मीद है कि म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं पर रिडिम्पशन का दबाव आ सकता है और बहुत संभव है कि निकट भविष्य में म्युचुअल फंड भी बाजार में बिकवाली करने लगें।

First Published : October 23, 2008 | 9:20 PM IST