Representative image
FPI Data: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली का सिलसिला जारी है, हालांकि बीते सप्ताह इसमें कुछ कमी देखी गई है। एफपीआई ने 21 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजार से कुल 1,794 करोड़ रुपये (करीब 19.4 करोड़ डॉलर) निकाले।
वैश्विक स्तर पर तनाव में कुछ राहत और रूस-यूक्रेन युद्ध में कमी की उम्मीदों के बीच एफपीआई की बिकवाली थमती नजर आई है। हालांकि यह लगातार 15वां हफ्ता है जब एफपीआई ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला है।
क्यों सतर्क हैं एफपीआई निवेशक?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई अब भी सतर्क हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, वैश्विक भू-राजनीतिक हालात और आर्थिक परिदृश्य में स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं।
बीते सप्ताह एफपीआई ने दो मौकों पर बाजार में शुद्ध खरीदारी भी की, जिससे बाजार की धारणा मजबूत हुई। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली में आई यह राहत बाजार के लिए सकारात्मक रही और इसका असर बाजार की तेजी पर भी दिखा।
हालांकि एफपीआई रुख में थोड़े बदलाव के बावजूद मार्च में अब तक वे 31,719 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। फरवरी में उन्होंने 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार से कुल 1.44 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। हालांकि, मार्च के दौरान उन्होंने भारतीय बॉन्ड या ऋण बाजार में 10,955 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
-भाषा इनपुट के साथ