मौजूदा चुनौतीपूर्ण बाजार परिवेश में हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का आईपीओ 2.7 गुना बोलियां हासिल करने में कामयाब हो गया। पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) श्रेणी से दमदार प्रतिक्रिया की मदद से इस आईपीओ को मदद मिली। 8,750 करोड़ रुपये के आईपीओ के सफल समापन ने कार्लाइल समूह के स्वामित्व वाली इस कंपनी के लिए घरेलू शेयर बाजारों में पुनः सूचीबद्ध होने का रास्ता साफ कर दिया है।
यह भारत में किसी आईटी सेवा कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। निर्गम के क्यूआईबी हिस्से को 9.1 गुना अभिदान मिला। वहीं, रिटेल, एचएनआई और कर्मचारी हिस्से को महज 11 फीसदी, 20 फीसदी और 32 फीसदी बोलियां मिलीं। कंपनी ने एंकर निवेशकों को करीब 2,600 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किए थे।
आईपीओ का मूल्य दायरा 674-708 रुपये प्रति शेयर तय किया गया, जिससे हेक्सावेयर का मूल्यांकन करीब 43,025 करोड़ रुपये बैठता है। यह आईपीओ पूरी तरह से निजी इक्विटी प्रमुख कार्लाइल द्वारा द्वितीयक बिक्री है, जिसकी हिस्सेदारी अब 95.5 प्रतिशत से घटकर 74.7 प्रतिशत रह जाएगी।
हेक्सावेयर ने नवंबर 2020 में भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों से स्वेच्छा से अपनी सूचीबद्धता समाप्त कर ली ली थी और तब बेरिंग प्राइवेट इक्विटी इसमें नियंत्रक शेयरधारक थी। 2021 में, कंपनी को कार्लाइल से संबद्ध सीए मैग्नम होल्डिंग्स द्वारा लगभग 3 अरब डॉलर में खरीदा गया था।