Hindenburg-Adani Case: अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) और उसके वरिष्ठ सलाहकार धवल बुच (सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के पति) के बीच कोई संबंध नहीं है। यह जानकारी ब्लैकस्टोन के वरिष्ठ सूत्रों ने दी।
सूत्र ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बुच ने पहले फंड के लिए, रियल एस्टेट या कैपिटल मार्केट के लिए काम नहीं किया था और इसके लिए उन्होंने लिंक्डइन प्रोफाइल का हवाला दिया है।
सूत्र ने कहा कि धवल बुच ब्लैकस्टोन प्राइवेट इक्विटी के साल 2019 से वरिष्ठ सलाहकार हैं और उनकी नियुक्ति तब से सार्वजनिक है और ब्लैकस्टोन में रहते हुए वह कभी भी रियल एस्टेट, रीट, कैपिटल मार्केट या किसी नियामक के साथ किसी मसले पर जुड़े नहीं रहे। उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति माधवी पुरी बुच के सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले की है।
धवल बुच यूनिलीवर के मुख्य क्रय अधिकारी और ब्लैकस्टोन प्राइवेट इक्विटी के वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर पहले ही अवकाश प्राप्त कर चुके हैं। धवल बुच एशिया की प्राइवेट इक्विटी कंपनियों को विशेष रूप से क्रय व आपूर्ति शृंखला पर सलाह देते रहे हैं, जिसमें उन्हें विशेषज्ञता है। सूत्र ने कहा कि वह निवेश से संबंधित किसी गतिविधि से नहीं जुड़े हैं।
एक दशक पहले सेबी ने भारत में रीट्स उतारने के लंबे समय से अटके प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसने संस्थागत निवेशकों और अमीरों के अलावा सामान्य निवेशकों के लिए निवेश का नया विकल्प दिया।
भारत में तीन सूचीबद्ध ऑफिस रीट्स हैं -एम्बेसी रीट, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट और ब्रुकफील्ड इंडिया रीट। इसके अलावा एक खुदरा रीट सूचीबद्ध है – नेक्सस सिलेक्ट ट्रस्ट।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि मार्च 2022 में माधवी पुरी बुच के सेबी चेयरपर्सन बनने के बाद सेबी ने रीट्स के नियमन का प्रस्ताव रखा और उसे लागू किया, जिससे ब्लैकस्टोन को काफी फायदा मिला जो भारत में रीट की सबसे बड़ी प्रायोजक है, जिसके लिए उनके पति काम करते हैं।