आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र की दिग्गज एनवीडिया के जोरदार नतीजों ने एआई से जुड़ी सेवाएं देने वाली घरेलू कंपनियों की ओर ध्यान खींचा है। हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजिज, टाटा एलेक्सी, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (एलएलटीएस) के शेयरों ने शुक्रवार को सुस्त बाजार में तेज बढ़त दर्ज की।
नैसडैक पर सूचीबद्ध एआई चिप विनिर्माता की चौथी वित्तीय तिमाही के दौरान बिक्री और लाभ ने शेयर बाजार की उम्मीदों को भी पीछे छोड़ दिया तथा भारी वृद्धि दर्ज की। अपनी टिप्पणी में एनवीडिया ने कहा है कि ‘यह मजबूत मांग एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर और उपभोक्ता इंटरनेट अनुप्रयोगों तथा वाहन कंपनियों, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य देखभाल सहित उद्योग के कई कारोबारी क्षेत्रों से प्रेरित रही।’
एनवीडिया के मुख्य कार्यकारी जेन्सेन हुआंग ने कहा कि तेज कंप्यूटिंग और जेनरेटिव एआई शीर्ष स्तर पर पहुंच गए हैं।परिणाम के बाद एनवीडिया के शेयरों में 16 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जिससे बाजार पूंजीकरण 277 अरब डॉलर बढ़कर 1.96 लाख करोड़ डॉलर हो गया। इससे एमेजॉन के बाद यह अमेरिका में तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई।
अलबत्ता अधिकांश घरेलू शेयर दिन के कारोबार के अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचने के बाद नीचे आ गए, क्योंकि निवेशकों ने सकारात्मक धारणा को भुनाने की कोशिश की। हैपिएस्ट माइंड्स का शेयर 4.2 प्रतिशत चढ़ने के बाद 3.2 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ, एलटीटीएस 1.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स 0.7 प्रतिशत चढ़ा और टाटा एलेक्सी 0.3 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।
सभी शेयरों ने निफ्टी आईटी सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें 0.22 प्रतिशत गिरावट आई। पिछले एक साल के दौरान एआई क्षेत्र के शेयरों में पहले से ही जबरदस्त तेजी देखी गई है। मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट के अनुसार एआई एनेबलर कंपनियों ने साल 2023 में वैश्विक स्तर पर छह लाख करोड़ डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल किया। एशिया और उभरते बाजार (ईएम) में 2,500 कंपनियों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय कंपनियां एआई अपनाने वाली कंपनियों में शीर्ष स्थान पर थीं।
अमेरिका की ब्रोकरेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि एआई अपननाने के मामले में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन या आसियान (40 प्रतिशत), भारत (36 प्रतिशत) और जापान (35 प्रतिशत) की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, जबकि यूरोप, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका या ईईएमईए (18 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (23 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (27 प्रतिशत) पिछड़ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि ताइवान (10 प्रतिशत) एआई अपनाने की सूची में नीचे रहा, लेकिन इसकी कंपनियां एआई एनेबलर के रूप में वैश्विक तालिका में सबसे आगे हैं।
मॉर्गन स्टेनली के इक्विटी रणनीतिकार डैनियल ब्लेक ने एक नोट में कहा कि एआई की तीव्रता वाली तकनीकी हलचल साल 2024 में केंद्रीय विषय बनी रहेगी। एआई एनेबलर कंपनियों ने साल 2023 में वैश्विक स्तर पर छह लाख करोड़ डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल किया, लेकिन आगे चलकर हम एआई अपनाने वालों के बीच संभावित अंतर देखते हैं, क्योंकि मॉडल तैनात कर दिए गए हैं।
मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि एआई का सबसे ज्यादा लाभ आईटी, संचार सेवाओं और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों को होगा।