बाजार

ऑप्शंस पर STT बढ़ने से घटेगा वॉल्यूम

Published by
खुशबू तिवारी
Last Updated- March 24, 2023 | 11:56 PM IST

वायदा एवं विकल्प (F&O) अनुबंध बेचने पर प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) में 25 फीसदी की बढ़ोतरी ने शेयर ब्रोकिंग समुदाय को निराश किया है, जिन्हें वॉल्यूम, लागत और लाभ पर असर की आशंका है।

वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक में संशोधन को सुधारते हुए ऑप्शंस की बिक्री पर एसटीटी की मौजूदा दर में बदलाव किया है। इसके तहत प्रति एक करोड़ रुपये की बिक्री पर अब एसटीटी 5,000 रुपये के मुकाबले 6,250 रुपये लगेगा।

इसके अलावा वायदा की बिक्री पर एसटीटी की दर 0.01 फीसदी से बढ़ाकर 0.0125 फीदी कर दी गई है, जो एक करोड़ रुपये पर 1,250 रुपये बैठता है। ये बदलाव 1 अप्रैल, 2023 से लागू होंगे।

इस पर चिंता जताते हुए और फैसले की समीक्षा का अनुरोध करते हुए शेयर ब्रोकर समुदाय ने कहा है कि ज्यादा एसटीटी से देसी बाजारों में लेनदेन की लागत बढ़ेगी, जो पहले ही वैश्विक मानकों के मुकाबले ऊंची है।

ब्रोकरों की निकाय एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेज ऑफ मेंबर्स इन इंडिया (ANMI) के अध्यक्ष कमलेश शाह ने कहा, ऑप्शंस की बिक्री पर एसटीटी की मौजूदा दर प्रति करोड़ 5,000 रुपया पहले से ही काफी ऊंची है, जिसकी समीक्षा की दरकार थी।

उन्होंने कहा, हम पहले से ही उच्च लेनदेन शुल्क का भुगतान कर रहे हैं क्योंकि डेरिवेटिव के लाभ को बिजनेस इनकम माना जाता है। अब यहां का कारोबार विदेशी एक्सचेंजों मे जा सकता है। वॉल्यूम का ज्यादातर हिस्सा इंट्राडे होता है और लेनदेन शुल्क का बड़ा हिस्सा एसटीटी होता है। नकदी बाजार के अलावा डेरिवेटिव में भी वॉल्यूम प्रभावित होगा।

First Published : March 24, 2023 | 11:32 PM IST