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भारत फिर 2 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर

Last Updated- December 15, 2022 | 3:27 AM IST

भारतीय बाजार ने एक बार फिर से 2 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण के आंकड़े को छू लिया है। देश का बाजार पूंजीकरण कोरोनावायरस महामारी की वजह से हुई भारी बिकवाली से मार्च में मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे पहुंच गया था। गिरावट के दौरान सभी सूचीबद्घ शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 23 मार्च को गिरकर 1.3 लाख करोड़ डॉलर के वर्ष के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। तब से तरलता-केंद्रित वैश्विक तेजी की वजहसे भारत ने बाजार वैल्यू में करीब 700 अरब डॉलर का इजाफा किया है।
वर्ष के शुरू में सर्वाधिक तेजी के दौरान भारत का बाजार पूंजीकरण 2.22 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जब सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर छुए थे। वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारत के मुकाबले इस साल के निचले स्तर से अच्छी तेजी दर्ज की गई है। संयुक्त वैश्विक बाजार पूंजीकरण मार्च के अंत में घटकर 61.6 लाख करोड़ डॉलर रह गया था। अब यह 88 लाख करोड़ डॉलर पर है, जो ऊंचाई के नए रिकॉर्ड स्तर से महज 1.2 प्रतिशत दूर है। दूसरी तरफ, भारत अभी अपने बाजार पूंजीकरण के सर्वाधिक ऊंचे स्तर से करीब 10 प्रतिशत नीचे है।
वैश्विक बाजार पूंजीकरण में अमेरिका और चीन में आई तेजी का बड़ा योगदान है। बड़े टेक्नोलॉजी शेयर (कथित तौर पर फांग) इस तेजी के अगुआ रहे हैं। मौजूदा समय में, साल अब तक के आधार पर चीन 9.4 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ 29 प्रतिशत तक बढ़ा है जबकि अमेरिका का बाजार पूंजीकरण 36 लाख करोड़ डॉलर पर है जिसका वैश्विक बाजार पूंजीकरण में करीब 40 प्रतिशत योगदान है।
वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भारत का योगदान एक साल पहले के 2.6 प्रतिशत से घटकर 2.27 प्रतिशत रह गया है। हालांकि मई के स्तरों से इसमें सुधार आया है। मई में यह घटकर 2.05 प्रतिशत रह गया था। इसकी वजह यह थी कि भारत शुरुआती तेजी में वैश्विक बाजारों से पिछड़ गया था।

First Published - August 14, 2020 | 12:07 AM IST

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