सरकार ने बुधवार को इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) गिफ्ट सिटी में एक्सचेंजों पर घरेलू कंपनियों की प्रत्यक्ष सूचीबद्धता की अनुमति दे दी। वित्त मंत्रालय ने आईएफएससी में अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्धता की अनुमति के लिए फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट (फेमा) में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है। सूचीबद्धता को आसान बनाने के लिए संबंधित प्रावधान कंपनीज ऐक्ट में भी किए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में जुलाई में घोषणा की थी। यह पहल स्टार्टअप और अन्य घरेलू कंपनियों को वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने तथा गिफ्ट आईएफएससी के जरिये विदेशी मुद्रा में पूंजी जुटाने के लिए पहुंच उपलब्ध कराएगी।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आईएफएससी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध से वैश्विक मानकों के हिसाब से बेहतर मूल्यांकन सुनिश्चित करने और विदेशी निवेश के साथ निवेशक आधार बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध, दोनों तरह की घरेलू कंपनियां आईएफएससी एक्सचेंजों पर अपने शेयर सूचीबद्ध करने में सक्षम होंगी।
अब तक, मौजूदा ढांचे में गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर अपने शेयर सूचीबद्ध कराने की अनुमति है, जबकि बाजार नियामक सेबी निजी भारतीय कंपनियों की सूचीबद्धता के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की प्रक्रिया में है।
मौजूदा समय में, इंडिया इंटरनैशनल एक्सचेंज और एनएसई इंटरनैशनल एक्सचेंज ही गिफ्ट-आईएफएससी में दो स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज हैं। सिर्फ अनिवासी और विदेशी निवेशक ही सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करने में सक्षम होंगे, जबकि घरेलू म्युचुअल फंड और निवेशक इसमें हिस्सा नहीं ले सकते।
आईएफएससी प्राधिकरण ने उन कंपनियों के बारे में जानकारी भी साझा की है जो गिफ्ट सिटी में सूचीबद्धता के लिए आवेदन सौंप सकती हैं। जिन क्षेत्रों में एफडीआई प्रतिबंधित है, उनसे कंपनियों को सूचीबद्धता की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों को कंपनी की विदेशी हिस्सेदारी में गिना जाएगा।
गिफ्ट सिटी पर सूचीबद्ध कंपनियों को आईएफएससीए (इश्यूएंस ऐंड लिस्टिंग ऑफ सिक्योरिटीज) रेग्युलेशंस, 2021 (आईएलएस रेग्युलेशंस) के तहत निर्धारित नियामकीय शर्तों का पालन करना होगा।