सेकंडरी बाजार के साथ साथ आईपीओ बाजार में भी रौनक लौट आई है। निवेशकों ने शुक्रवार को बंद हुए तीन आईपीओ में 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां लगाई हैं। फैशन रिटेलर विशाल मेगा मार्ट के आईपीओ को 27.3 गुना बोलियां मिलीं और बोलियों की रकम 1.6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई।
डिजिटल पेमेंट दिग्गज वन मोबिक्विक सिस्टम्स का आईपीओ करीब 120 गुना सबस्क्राइब हुआ और उसे 39,542 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। 22,000 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ फार्मा फर्म साई लाइफ साइंसेज के आईपीओ को 10 गुना आवेदन मिले। इन तीनों आईपीओ (जिनसे संयुक्त रूप से 11,600 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए गए हैं) ने कमजोर बोलियों के दौर को पीछे छोड़ा है और अब खराब लिस्टिंग का सिलसिला भी टूटने की उम्मीद है।
निफ्टी 50 सूचकांक में सितंबर की ऊंचाई से 10 प्रतिशत की गिरावट का आईपीओ निर्गमों पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि, अक्टूबर-नवंबर की अवधि के दौरान बाजार में आए ज्यादातर आईपीओ को ठंडी प्रतिक्रिया और लिस्टिंग के बाद खराब प्रदर्शन देखने को मिला। उदाहरण के लिए, ह्युंडै मोटर इंडिया, स्विगी, एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, एक्मे सोलर, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और निवा बूपा हेल्थ के आईपीओ को 4 गुना से भी कम बोलियां मिलीं थीं।
विश्लेषकों का कहना है कि नई पेशकशों के लिए अच्छी प्रतिक्रिया से बाजार में आने को इच्छुक कंपनियों का उत्साह बढ़ सकता है। नवंबर के निचले स्तर से बाजार में तेज सुधार के बाद धारणा बदली है। निफ्टी 50 सूचकांक अपने पिछले महीने के निचले स्तर से 6 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 8.5 और 10.3 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश बढ़ाने से बाजार को मदद मिली है।
विशाल मेगा मार्ट का 8,000 करोड़ रुपये का आईपीओ प्रवर्तक समायत सर्विसेज की ओर से पूरी तरह से बिक्री पेशकश था। विशाल मेगा मार्ट में इस समय समायत सर्विसेज की 96.55 फीसदी हिस्सेदारी है। 640 स्टोरों के नेटवर्क के जरिये कंपनी ने मध्य और कम आय वर्ग वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित किया है। 78 रुपये के ऊपरी कीमत दायरे के हिसाब से कंपनी का मूल्यांकन 35,168 करोड़ रुपये है, जो उसके वित्त वर्ष 2024 के 462 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ का 76 गुना है।
मोबीक्विक का मूल्यांकन 279 रुपये के ऊपरी प्राइस बैंड के हिसाब से 2,167 करोड़ रुपये होगा। 572 करोड़ रुपये का यह आईपीओ पूरी तरह ओएफएस है। साई लाइफ के 3,043 करोड़ रुपये के आईपीओ में 950 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और शेष सेकंडरी बिक्री शामिल है।