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वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत के प्राथमिक बाजार में आईपीओ की लहर जारी है। बड़ी संख्या में कंपनियों के लिस्ट होने के साथ-साथ अभी भी कई कंपनियां कतार में हैं। इसी कड़ी में सितंबर के आखिरी दिन 15 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास आईपीओ लाने के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए, जिनमें विक्रम सोलर, आदित्य इंफोटेक और वरिंडेरा कंस्ट्रक्शंस जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ की योजना बनाई है। बीते महीने में 41 कंपनियों ने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए, जो किसी एक महीने में सेबी के पास जमा होने वाला सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसमें अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं, जो नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल इश्यू भी पेश कर रही हैं।
आइए, जानते हैं किन-किन कंपनियों ने सेबी के पास जमा किए ड्राफ्ट पेपर
वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच भारत के आईपीओ बाजार में तेजी जारी है। सोमवार को विक्रम सोलर, आदित्य इन्फोटेक, वरिंदरा कंस्ट्रक्शन सहित अजाक्स इंजीनियरिंग, राही इंफ्राटेक, विक्रम इंजीनियरिंग, मिडवेस्ट, विनी कॉरपोरेशन, संभव स्टील ट्यूब्स, जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड रिसर्च, ऑल टाइम प्लास्टिक्स, स्कोडा ट्यूब्स और डेव एक्सेलेरेटर ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपने आईपीओ का ड्राफ्ट दाखिल किया। ये कंपनियां विस्तार की योजना, कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और मौजूदा शेयरहोल्डर्स के शेयर बेचने के लिए आईपीओ ला रही हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि 30 सितंबर को 31 मार्च तक के ऑडिटेड फाइनेंशियल्स की अवधि समाप्त होने से पहले बड़ी संख्या में कंपनियों ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा किए हैं।
इन आईपीओ ने निवेशकों को किया मालामाल
सितंबर में सूचीबद्ध 47 कंपनियों में से 61 प्रतिशत से अधिक अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रही हैं, जिसमें ट्रैवल्स एंड रेंटल्स का एसएमई आईपीओ 283% की बढ़त के साथ सबसे आगे है।
इसके बाद प्रीमियर एनर्जीज 146% और नमो ईवेस्ट मैनेजमेंट 127% की बढ़त के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। आईपीओ में खुदरा निवेशकों की उत्साही भागीदारी ने विशेष रूप से एसएमई सेगमेंट में सदस्यता स्तर को अप्रत्याशित ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, जहां खुदरा श्रेणी में पूरी तरह से सब्सक्राइब न होने वाला एसएमई आईपीओ खोजना अब दुर्लभ हो गया है।