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Godavari Biorefineries IPO: आईपीओ की कमजोर शुरुआत, 12.5% की गिरावट के साथ NSE पर हुई लिस्टिंग

Godavari Biorefineries IPO: गोदावरी बायोरिफाइनरीज का IPO 352 रुपये के प्राइस बैंड पर लॉन्च हुआ था, लेकिन मार्केट में इसकी शुरुआत कमजोर रही।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 30, 2024 | 10:26 AM IST

Godavari Biorefineries IPO: गोदावरी बायोरिफाइनरीज के शेयरों की 30 अक्टूबर को स्टॉक मार्केट में कमजोर शुरुआत हुई। कंपनी के शेयर NSE पर 308 रुपये पर खुले, जो इसके इश्यू प्राइस 352 रुपये से 12.5% कम था।

कंपनी के IPO को उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिला, जिसके चलते शेयरों की लिस्टिंग पर ये गिरावट देखने को मिली। गोदावरी बायोरिफाइनरीज का IPO 352 रुपये के प्राइस बैंड पर लॉन्च हुआ था, लेकिन मार्केट में इसकी शुरुआत कमजोर रही।

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का ₹554.75 करोड़ का आईपीओ, जिसमें ₹325 करोड़ के 92 लाख शेयरों का फ्रेश इश्यू और ₹229.75 करोड़ के 65 लाख शेयरों का बिक्री प्रस्ताव (OFS) शामिल था, निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। कंपनी का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए 23 अक्टूबर को ओपन हुआ था और 25 अक्टूबर को क्लोज हुआ।

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का IPO 25 अक्टूबर तक 1.9 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल इन्वेस्टर्स ने 1.8 गुना सब्सक्राइब किया, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की तरफ से सबसे ज्यादा इंटरेस्ट दिखा, जहां 2.8 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। वहीं, नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) की कैटेगरी में 0.9 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ थोड़ा धीमा रिस्पॉन्स देखने को मिला।

Equirus Capital Pvt Ltd और SBI Capital Markets Ltd ने इस IPO को मैनेज किया, जबकि Link Intime India Pvt Ltd ने रजिस्ट्रार के रूप में कार्य किया।

गोदावरी बायोरिफाइनरीज के बारे में-

गोदावरी बायोरिफाइनरीज भारत में एथेनॉल-आधारित रसायनों की एक प्रमुख निर्माता कंपनी है और देश की सबसे बड़ी बायो-रिफाइनरी का संचालन करती है। यह कंपनी गन्ने से चीनी, एथेनॉल और रसायनों जैसे जैविक उत्पाद बनाती है। कंपनी अपने काम में पर्यावरण का खास ध्यान रखती है और कचरे को कम से कम करने की कोशिश करती है। इसके उत्पाद खाद्य, दवाइयां, पर्सनल केयर और ईंधन जैसे कई क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं, और यह 20 से ज्यादा देशों में इन्हें निर्यात भी करती है।

25 अक्टूबर तक, गोड़ावरी बायोरिफाइनरीज का आईपीओ 1.9 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल निवेशकों की श्रेणी में 1.8 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की ओर से सबसे अधिक रुचि दिखाई दी, जहाँ 2.8 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। हालांकि, नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) श्रेणी में 0.9 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ अपेक्षाकृत धीमी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

First Published : October 30, 2024 | 10:26 AM IST