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Hyundai के IPO ने तीसरे दिन पकड़ी रफ़्तार; जानें अंतिम दिन कितना मिला सब्सक्रिप्शन, GMP क्या दे रहा संकेत

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, रिटेल निवेशकों (RIIs) ने पब्लिक इश्यू को 0.50 गुना सब्सक्राइब किया है, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NIIs) ने 0.60 गुना सब्सक्राइब किया है।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- October 17, 2024 | 6:46 PM IST

Hyundai Motor India IPO subscription status: हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ (IPO) बोली लगाने के अंतिम निवेशकों की रूचि अपनी तरफ खींचने में सफल रहा। हालांकि, कार कंपनी के इश्यू को उतना रिस्पांस नहीं मिला जैसा खुलने से पहले देखा रहा था।

हुंडई के आईपीओ को इश्यू के तहत रखे गए 9,97,69,810 शेयरों के मुकाबले 23,63,26,818 शेयरों के लिए बोलियां मिली है। इस आधार पर शाम 5:30 बजे तक आईपीओ को 2.37 गुना सब्स्क्राइब किया गया है।

इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने लगाई सबसे ज्यादा बोलियां

बता दें कि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (QIB) ने हुंडई के आईपीओ पर जमकर दांव लगाया। उन्होंने गुरुवार को लगभग 5:30 बजे तक पेश किए गए शेयरों के 6.97 गुना बोली लगाई।

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, रिटेल निवेशकों (RIIs) ने पब्लिक इश्यू को 0.50 गुना सब्सक्राइब किया है, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NIIs) ने 0.60 गुना सब्सक्राइब किया है। साथ ही कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटा भी 1.74 गुना सब्सक्राइब हो गया है।

स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ प्रमुख शिवानी न्याति ने कहा, “बाजार भागीदार अंडरसब्सक्रिप्शन के कारण आईपीओ के रद्द होने या वापस लेने की संभावना को लेकर सतर्क रुख अपना रहे थे।

रद्द होने से बचा हुंडई का आईपीओ

सेबी के नियमों के अनुसार, यदि कोई आईपीओ कम से कम 90 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन हासिल करने में विफल रहता है, तो इश्यू रद्द कर दिया जाता है। इस स्थिति में कंपनी को निवेशकों को सब्सक्रिप्शन का पूरा पैसा भी वापस देना होता है।

हालांकि अगर, सब्सक्रिप्शन 90 प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है लेकिन पूरा नहीं भरता है तो इसी स्थिति में निवेश बैंक या बैंकों का समूह आईपीओ के वैल्यूएशन के आधार पर निवेशकों को फिर से शेयर बेचने के लिए तय प्राइस पर शेयर खरीद सकता है।

न्याति ने कहा, किस्मत से इनमें से किसी भी विकल्प की जरुरत नहीं पड़ी, क्योंकि हुंडई आईपीओ ने पेशकश के आखिरी दिन यानी तीसरे दिन की समाप्ति से पहले पूरा सब्सक्रिप्शन हासिल कर लिया।

हुंडई के आईपीओ को क्यों मिला फीका रिस्पांस ?

न्याति ने बताया कि हुंडई के आईपीओ को फीका रिस्पांस मिले के प्रमुख कारण इश्यू का साइज और प्राइस वैल्यूएशन हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कई निवेशक, विशेष रूप से लिस्टिंग गेन चाहने वाले इन्वेस्टर दांव लगाने से झिझक रहे थे।

उन्होंने कहा, ”’हालांकि, आईपीओ अब पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका है लेकिन फिलहाल ग्रे मार्केट में यह डिस्काउंट पर कारोबार कर रहा है। यह दर्शाता है कि निवेशकों को अलॉटमेंट आसानी से मिल सकता है लेकिन उन्हें लिस्टिंग गेन की उम्मीदों कम ही रखनी चाहिए।”

ग्रे मार्केट से क्या मिल रहे संकेत ?

कार कंपनी के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में गिरावट जारी है। हुंडई के आईपीओ का जीएमपी (Hyundai IPO GMP) गुरुवार को 1 प्रतिशत से नीचे आ गया। कंपनी के शेयर आईपीओ प्राइस 1960 रुपये के अपर एन्ड के मुकाबले लगभग सिर्फ 14 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, जो 0.71 प्रतिशत का संभावित लिस्टिंग गेन दर्शाता है।

बता दें कि हुंडई मोटर आईपीओ का जीएमपी पिछले एक-दो दिन के मुकाबले 45 रुपये से कम है। ग्रे मार्केट गतिविधियों पर नज़र रखने वाले सूत्रों के अनुसार, जीएमपी 9 अक्टूबर को दर्ज किए गए 147 रुपये से काफी कम है, जब हुंडई मोटर ने अपने प्राइस बैंड का ऐलान किया था।

First Published : October 17, 2024 | 6:46 PM IST