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कई शेयरों का लॉट साइज बढ़ा

Last Updated- December 08, 2022 | 7:00 AM IST

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)ने 245 डेरिवेटिव सौदों के आकार में बदलाव करने की घोषणा की है।


एनएसई ने यह कदम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, सेबी द्वारा डेरिवेटिव सौदों को दो लाख से 4 लाख तक केबीच रखने के  दिशानिर्देश के तहत उठाया है।

एनएसई ने 243 डेरिवेटिव के मार्केट लॉट के आकार में बढ़ोतरी की है जबकि दो डेरिवेटिव के लॉट का आकार को घटाया गया है जो 26 दिसंबर 2008 से लागू हो जाएगा।

गौरतलब है कि शेयरों की कीमतों में असामान्य गिरावट और बाजार में अफवाहों को दूर करने केलिए ये कदम उठाना जरूरी हो गया था। हालांकि परिवर्तित मार्केट लॉट से पहले से ही नकदी का अभाव झेल रहे कारोबार केवॉल्यूम पर असर पड सकता है।

डेरिवेटिव से मिल रहे संकेतों की मानें तो जिन डेरिवेटिव के सौदों की साइज में 10,000 से अधिक शेयरों का संशोधन किया गया है, मार्च के बाद उम्मीद है कि इनमें कोई कारोबार नहीं हो पाएगा।

उदाहरण के लिए ओपन इंटरेस्ट में प्रिज्म सीमेंट, फर्स्टसोर्स सॉल्यूशंस, पेनिनसुला लेंड, नोएडा टॉल, बल्लारपुर इंडस्ट्रीज और गुजरात राज्य पेट्रोनेट में हरेक का ओपन इंटरेस्ट मार्केट वाइड लिमिट का महज एक फीसदी रहा है।

हालांकि सेबी के इस कदम से कई कारोबारी मायूस भी नजर आ रहे हैं। कारोबारियों को इस बात का डर सता रहा है कि सेबी के इस फैसले से बाजार में कारोबार पर असर पड़ सकता है।

एंजल ब्रोकिंग के सिध्दार्थ भांबरे ने बताया कि स्टॉक फ्यूचर्स केलॉट साइज में इजाफा होने से हो सकता है कि सेबी ने क्रॉस मार्जिन की कल ही जो सुविधा मुहैया कराई है ।

उस पर बुरा असर पड़े। क्रॉस मार्जिन सुविधा मिलने से वॉल्यूम में सुधार की गुंजाइश नजर आ रही थी लेकिन लगता नहीं कि ऐसा होगा। बाजार की खस्ता हालत के कारण लॉट साइज में बढ़ोतरी से वॉल्यूम में गिरावट या कारोबार की मात्रा में कमी आ सकती है।

अगर प्रत्येक शेयर केप्रदर्शन की बात करें तो जनवरी 2008 में जिन 212 कंपनियों के शेयरों का कारोबार हुआ था, उनमें से 21 शेयरों का कारोबार इसके मार्केट वाइड लिमिट की तुलना में 75 फीसदी से ऊपर हुआ था।

लेकिन 25 नवंबर 2008 तक का ओपन इंटरेस्ट देखें तो मात्र दो कंपनियों के शेयरों का ओपन इंटरेस्ट 50 फीसदी से ज्यादा का रहा है- ये हैं जीटीएल (61.4 फीसदी) और एडुकांप सॉल्यूशंस (55.3 फीसदी।

इस साल 8 जनवरी को जब मार्केट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था तो उस समय ओसवाल केमिकल्स (244.33 लाख शेयर)औरपार्श्वनाथ डेवलपर (74.44 लाख शेयर)का कारोबार 100 फीसदी से ज्यादा केओपन इंटरेस्ट के साथ कारोबार हो रहा था।

25 नवंबर को ओसवाल केमिकल्स का ओपन इंटरेस्ट 19 फीसदी (44.95 लाख)जबकि पार्श्वनाथ का 23.4 फीसदी (17 लाख शेयर) रह गया।

First Published - December 3, 2008 | 9:32 PM IST

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