घरेलू म्युचुअल फंड (डीएमएफ) में दिसंबर से लेकर मार्च 2009 तक रिडिंप्शन का एक और दौर शुरु हो सकता है।
इसके तहत निवेशक अपनी 36,848 करोड़ रुपये की राशि निकाल सकते हैं। यह रिडिंप्शन फिक्स्ड मैच्यौरिटी प्लॉन, तिमाही और मासिक इंटरवल प्लान और फिक्स्ड होरिजोन प्लान और मनी मार्केट से संबंधित उन योजनाओं में देखने को मिल सकता है जिनका मैच्योरिटी पीरियड तयशुदा होता है।
एएमएफआई (720 योजनाओं के) एयूएम आंकड़े बताते हैं डेट और मनी मार्केट में होने वाले अनिवार्य रिडिंप्शन से दिसंबर 2008 से लेकर मार्च 2009 तक बाजार से 36,848 करोड़ रुपये म्युचुअल फंड से निकलने वाले हैं।
इन 720 स्कीमों में 102 स्कीमों में से हर एक पर 100 करोड़ रुपये के आधार पर कुल 25,600 करोड़ रुपये के रिडिंप्शन का दबाव है।
अन्य 501 स्कीमों में से हर एक से लेकर 100 करोड़ रुपये का कुल 11,200 करोड़ रुपये का रिडिंप्शन हो सकता है। दिसंबर माह में ही फंडों की डेट और मनी मार्केट स्कीमों में 15,000 करोड़ रुपये का अनिवार्य रिडिंप्शन देखने को मिलेगा।
इसके बाद जनवरी 2009 में 6,000 करोड़ रुपये, फरवरी 2009 में 13,000 करोड़ रुपये का रिडिंप्शन देखने को मिलेगा।
क्योंकि इस समय तक अधिकांश तिमाही इंटरवल प्लान जो नवंबर में लांच किए गए थे, रिडिंप्शन के लिए आ जाएंगे। सभी डेट स्कीमों में अप्रैल से लेकर अगस्त 2008 तक स्थाई अपट्रेंड देखा गया जब इनकी एयूएम 256,877 करोड़ रुपये से लेकर 270,353 करोड रुपये थी।
लेकिन इसके बाद लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और एआईजी को अमेरिका द्वारा बेलआउट किए जाने के बाद वित्तीय बाजार में तरलता का अभूतपूर्व संकट मंडरा गया। सितंबर और अक्टूबर में इनकी एयूएम घटकर 192,838 करोड़ रुपये ही रह गई।