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Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल कई बड़े ग्लोबल फैक्टर्स पर निर्भर करेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान और इज़रायल के बीच जारी तनाव, ब्रेंट क्रूड की कीमतें, अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों पर फैसला और महंगाई के आंकड़े इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करेंगे।
टैरिफ से जुड़ी कोई भी खबर भी इक्विटी मार्केट में ट्रेंड सेट कर सकती है। पिछले हफ्ते बाजार भारी उतार-चढ़ाव के बीच लाल निशान पर बंद हुआ। मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों में ‘रिस्क ऑफ’ सेंटिमेंट देखने को मिला। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।
Almondz Institutional Equities के हेड ऑफ सेल्स केतन विकम ने कहा, “ईरान-इज़रायल संघर्ष से बढ़ता तनाव ग्लोबल ट्रेंड्स को प्रभावित करेगा। इससे निवेशक रिस्की एसेट्स से दूरी बना सकते हैं। इसके अलावा, इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रेट डिसीजन से पहले ट्रेडर्स सतर्कता बरतेंगे। जापान और UK के सेंट्रल बैंक्स भी इस हफ्ते रेट्स पर फैसला लेंगे।”
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सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को करीब 1% टूटे। इसके पीछे कमजोर ग्लोबल संकेत और ब्रेंट क्रूड में तेजी मुख्य वजह रही।
Geojit Financial Services के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा, “बाजार अभी भी प्रीमियम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है और जियोपॉलिटिकल रिस्क बना हुआ है। इस हफ्ते US फेड की मीटिंग पर सबकी नजर होगी। फेड की कॉमेंट्री और फॉरवर्ड आउटलुक को ध्यान से पढ़ा जाएगा।”
पिछले हफ्ते BSE सेंसेक्स 1,070 अंक यानी 1.3% टूटा, जबकि निफ्टी में 284 अंक यानी 1.13% की गिरावट आई।
Religare Broking के SVP रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा, “जियोपॉलिटिकल अनसर्टेंटी और सेंट्रल बैंक्स की मीटिंग्स की वजह से मार्केट में वोलैटिलिटी बनी रहेगी। US फेड की पॉलिसी से यह क्लियर हो सकता है कि रेट कट कब और कितना होगा।”
डोमेस्टिक लेवल पर मानसून की प्रोग्रेस, क्रूड की चाल, WPI महंगाई डेटा और FII एक्टिविटी पर भी बाजार की नजर रहेगी।
Motilal Oswal के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच बाजार में दबाव रह सकता है। हालांकि, सेक्टर स्पेसिफिक खबरें कुछ स्टॉक्स को सपोर्ट कर सकती हैं।”