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Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल कई बड़े फैक्टर्स से तय होगी। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद, आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे और प्रमुख आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा को तय करेंगे। इस हफ्ते सिर्फ तीन दिन बाजार खुलेगा, क्योंकि सोमवार को आंबेडकर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराता जा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी शुल्क लगा रहे हैं। हाल ही में अमेरिका ने चीन पर 145% शुल्क लगाया, जिसके जवाब में चीन ने भी 125% का टैरिफ लागू कर दिया। हालांकि, चीन ने बातचीत के लिए रास्ता खुला रखा है।
घरेलू और वैश्विक आंकड़ों पर रहेगी नजर
भारत में इस हफ्ते महंगाई के आंकड़े जारी होंगे – थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और चीन की अर्थव्यवस्थाओं से भी बड़े आर्थिक आंकड़े आने हैं, जो ग्लोबल बाजार की दिशा को तय करेंगे।
घरेलू स्तर पर, विप्रो और इन्फोसिस जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के मार्च तिमाही नतीजे इस हफ्ते आने हैं। इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे निजी बैंकों के नतीजे भी बाजार की चाल पर असर डाल सकते हैं।
बाजार की सेंटीमेंट पर डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का भी असर पड़ेगा। ब्रेंट क्रूड में उतार-चढ़ाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हो सकती है।
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पिछले हफ्ते हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार
बीते सप्ताह बाजार में हल्का दबाव देखने को मिला। सेंसेक्स 207 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 75 अंक गिरा।
अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारत से आयात पर 26% अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही थी। हालांकि 9 अप्रैल को इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। लेकिन बाकी देशों पर 10% बेसिक टैरिफ अभी भी लागू है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशक इस हफ्ते ग्लोबल संकेतों, कंपनियों के तिमाही नतीजों और आर्थिक आंकड़ों पर नजर बनाए रखें। बाजार में अनिश्चितता बनी रह सकती है, इसलिए सतर्कता के साथ निवेश करना सही रहेगा।