फेड की चिंताओं से बाजार में तेजी थमी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:17 PM IST

बाजारों में अक्टूबर से जारी तेजी का सिलसिला एक बार फिर से फेडरल रिजर्व की बुधवार को होने वाली मौद्रिक नीति के परिणाम को लेकर पैदा हुई चिंताओं और सूचकांक में ज्यादा भारांक रखने वाले कुछ प्रमुख शेयरों में आई गिरावट के बीच थम गया। सेंसेक्स 306 अंक की गिरावट के साथ आखिर में 55,766 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 88 अंक या 0.5 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 16,631 पर बंद हुआ।
फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक के परिणाम को लेकर निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। कुछ निवेशक यह अटकल लगा रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए दरों को लेकर सख्त रुख अपना सकता है। इससे मंदी और बेरोजगारी की आशंका गहरा सकती है।
फेडरल द्वारा बार बार दर वृद्धि से नियुक्ति गतिविधियां पहले ही प्रभावित हुई हैं और अमेरिका में आवासीय बाजार में भी कमजोरी आई है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने भी संकेत दिया है कि उसके द्वारा दर वृद्धि अभी पूरी नहीं हुई है। ईसीबी की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य मार्टिंस कजाक्स ने मीडिया को बताया कि सितंबर में दर वृद्धि बेहद जरूरी होगी।
फेड की दर वृद्धि के अलावा, यह भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इससे बाजार धारणा प्रभावित होगी।
एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार 75 आधार अंक वृद्धि का अनुमान लगा रहा है। यदि 100 आधार अंक की वृद्धि हुई तो यह ज्यादा प्रभाव डालेगी। यदि फेड कहता है कि वह 100 आधार अंक की वृद्धि अभी कर रहा है और 50 आधार अंक की वृद्धि बाद में की जाएगी तो 75-75 आधार अंक की दो दर वृद्धि के समान होगा।’ सोमवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 845 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशक 72 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदारी रहे। फेड की दर वृद्धि के अलावा निवेशकों को इक्विटी बाजार की चाल सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों के नतीजों पर भी नजर रखने की जरूरत होगी।

First Published : July 26, 2022 | 1:18 AM IST